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डीएसजीएमसी कार्यकारिणी गठन की बढ़ी उम्मीद, अदालत ने हटाई रोक

DSGMC Elections डीएसजीएमसी का चुनाव परिणाम घोषित होने के साढ़े तीन माह बाद भी अब तक कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है। इसका एक कारण निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा की सदस्यता का मामला अदालत में होना है ।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 10 Dec 2021 04:22 PM (IST)Updated: Fri, 10 Dec 2021 04:57 PM (IST)
डीएसजीएमसी कार्यकारिणी गठन की बढ़ी उम्मीद, अदालत ने हटाई रोक
चुनाव परिणाम आने के साढ़े तीन माह बाद भी नए अध्यक्ष का इतंजार

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) की कार्यकारिणी के गठन की संभावना बढ़ गई है। अदालत ने कार्यकारिणी गठित करने पर लगाई गई रोक हटा ली है। इससे अगले कुछ दिनों में कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। इसकेे साथ ही लाटरी से चुने जाने वाले एक नामित सदस्य की घोषणा जल्द हो सकती है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) भी डीएसजीएमसी में अपने प्रतिनिधि का नाम घोषित करेगी।

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साढ़े तीन माह से है कार्यकारिणी गठन का इंतजार

डीएसजीएमसी का चुनाव परिणाम घोषित होने के साढ़े तीन माह बाद भी अब तक कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है। इसका एक कारण निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा की सदस्यता का मामला अदालत में होना है। इसी तरह से लाटरी से चुने जाने वाले दो सदस्यों में से एक का ही नाम घोषित हुआ है। प्रीत नगर वार्ड का मामला भी अदालत में विचाराधीन था लेकिन अब इस पर फैसला आ चुका है। सिख नेता इंदरमोहन सिंह का कहना है कि हाई कोर्ट ने नौ दिसंबर को कार्यकारिणी गठन पर रोक हटा ली है इसलिए अब गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय को शीघ्र इसे लेकर फैसला करना चाहिए।

डीएसजीएमजी का कामकाज हो रहा प्रभावित

कार्यकारिणी गठन में हो रही देरी से डीएसजीएमसी का कामकाज बाधित हो रहा है। निवर्तमान अध्यक्ष सिरसा को एसजीपीसी ने डीएसजीएमसी में अपना प्रतिनिधि मनोनित किया था, लेकिन पंजाबी ज्ञान परीक्षा में असफल होने पर गुरुद्वारा निदेशालय ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। उन्होंने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। पिछले दिनों उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने अपने आप को अध्यक्ष पद की दौड़ से भी बाहर कर लिया है। इससे उम्मीद है कि उनकी जगह एसजीपीसी जल्द किसी और को डीएसजीएमसी में अपना प्रतिनिधि मनोनीत करेगी।

दस्तावेज पर चाहिए हस्ताक्षर

नए अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी से कमेटी का सामान्य कामकाज बाधित हो रहा है, क्योंकि किसी भी दस्तावेज पर अध्यक्ष व महामंत्री का हस्ताक्षर जरूरी होता है। डीएसजीएमसी के निवर्तमान महामंत्री हरमीत सिंह कालका सहित अन्य सिख नेता कार्यकारिणी के गठन की मांग कर चुके हैं। एक तरफ जहां डीएसजीएमसी का कामकाज बाधित हो रहा है वहीं, सभी पार्टियों को अपने निर्वाचित सदस्यों को एकजुट रखने की भी चुनौती है। यही कारण है कि सभी जल्द से जल्द अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों का चुनाव कराने के पक्ष में हैं।


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