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Weather Forecast News Update: 22 और 23 सितंबर को दिल्ली-एनसीआर में हो सकती है बारिश

Delhi Weather Forecast News Update भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक ऐसा ही हाल रहेगा यानी गर्मी और उमस से राहत नहीं मिलने वाली है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 09:33 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 12:46 PM (IST)
Weather Forecast News Update: 22 और 23 सितंबर को दिल्ली-एनसीआर में हो सकती है बारिश
Weather Forecast News Update: 22 और 23 सितंबर को दिल्ली-एनसीआर में हो सकती है बारिश

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Weather Forecast News Update: दिल्ली-एनसीआर में गर्मी और उमस से लोगों का बुरा हाल है। आलम यह है कि दिन में गर्मी और उमस हो रही है, तो सुबह और शाम भी लोगों का हाल बेहाल हो रहा है। शनिवार सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले लोगों को उमस का सामना करना पड़ा। पार्कों में कसरत कर रहे लोग पसीने से तर नजर आए। वहीं, दफ्तरों के लिए निकले लोगों का भी हाल कुछ इसी तरह रहा। वहीं, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) के मुताबिक, अगले कुछ दिनों तक ऐसा ही हाल रहेगा यानी गर्मी और उमस से राहत नहीं मिलने वाली है। दो तीन दिन अभी बारिश के आसार हैं। इसके बाद  22 और 23 सितंबर को हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक,   शनिवार को भी दिल्ली-एनसीआर के आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और इस दौरान हल्की बारिश होने के आसार भी है। बावजूद इसके उमस और गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है। 

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लोगों को परेशान कर रहा बढ़ा पारा

इस बीच न्यूनतम और अधिकतम तापमान में भी इजाफा हुआ है। इसकी वजह से भी लोग गर्मी से परेशान हैं।मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तो व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। 

बिजली की बढ़ी मांग तो कटौती हुई शुरू

दिल्ली-एनसीआर में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली कटौती का सिलसिला शुरू हो गया है। कुछ-कुछ इलाकों में 2-3 घंटे की कटौती शुरू हो गई है। दिल्ली में तो बिजली की अधिकतम मांग छह हजार मेगावाट से भी ज्यादा है। मांग बढ़ने से घनी आबादी वाले इलाके में बिजली की अघोषित कटौती भी हो रही है।

बता दें कि मार्च में शुरू हुए लॉकडाउन और उसके बाद भी व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह से शुरू नहीं होने के कारण मार्च से जून तक बिजली की खपत पिछले साल की तुलना में काफी कम रही। जुलाई में कुछ मांग जरूरी बढ़ी, लेकिन बीच-बीच में बारिश होने के कारण यह रिकॉर्ड स्तर पर नहीं पहुंची। अगस्त में भी बारिश होती रही जिससे बिजली की खपत में भी गिरावट दर्ज की गई। पिछले माह अधिकतम मांग छह हजार मेगावाट से कम रही।

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