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दिल्ली दंगा: खजूरी खास हिंसा मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को मिली जमानत

कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपित जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को जमानत दे दी। पिछले वर्ष दिसंबर में पूरक आरोपपत्र दायर कर दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को इस मामले में आरोपित बनाया था। दंगे से जुड़े मामले में उमर खालिद को पहली बार जमानत मिली है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 05:57 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 05:57 PM (IST)
दिल्ली दंगा: खजूरी खास हिंसा मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को मिली जमानत
दंगे से जुड़े मामले में उमर खालिद को पहली बार जमानत मिली है।

नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। दिल्ली दंगे के दौरान खजूरी खास इलाके में हुई हिंसा के मामले में गुरुवार को कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट ने आरोपित जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को जमानत दे दी। पिछले वर्ष दिसंबर में पूरक आरोपपत्र दायर कर दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को इस मामले में आरोपित बनाया था। दंगे से जुड़े मामले में उमर खालिद को पहली बार जमानत मिली है।

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खजूरी खास इलाके में दंगाइयों ने गत वर्ष 24 फरवरी को उपद्रव किया था। वहां प्रदीप की पार्किंग में आग लगा दी गई थी। बीट कांस्टेबल संग्राम सिंह ने इस मामले में खजूरी खास थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बयां किया था कि वह प्रदीप की पार्किंग में अपनी मोटरसाइकिल खड़ी करके चांद बाग पुलिया पर ड्यूटी कर रहे थे। तभी शेरपुर चौक की ओर जाने वाले रास्ते और आसपास की गलियों से भीड़ इकट्ठा होना शुरू हो गई थी। उन लोगों ने पथराव किया और सार्वजनिक संपत्ति को आग लगाना शुरू कर दिया। समझाने और रोकने का प्रयास करने के बावजूद उपद्रवी नहीं माने। वह किसी तरह जान बचाकर प्रदीप की पार्किंग में घुस गए और शटर बंद कर दिया। उपद्रवियों ने पार्किंग का शटर तोड़ कर उसमें आग लगा दी।

कांस्टेबल ने शिकायत में यह भी बताया था कि पार्किंग के पास ताहिर हुसैन के घर की छत पर इकट्ठा हुए लोग पत्थर और आग लगाने के लिए चीजें फेंक रहे थे। जिससे पार्किंग की छत पर शादी के लिए बन रहा खाना खराब हो गया था। इस घटना में शिकायतकर्ता कांस्टेबल की मोटरसाइकिल जल गई थी। शुरुआती एफआइआर में इस मामले में मुख्य आरोपित एवं आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन समेत 15 लोगों को आरोपित बनाया गया था।

पिछले वर्ष दिसंबर में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 100 पन्नों का पूरक आरोपपत्र दायर था। जिसमें जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को भी आरोपित बनाया गया था। पूरक आरोपपत्र में पुलिस ने दावा किया था कि उमर ने दंगे भड़ाने के लिए ‘आग में घी’ का काम किया। गत वर्ष आठ जनवरी को उसने शाहीनबाग में ताहिर हुसैन और खालिद सैफी के साथ मिलकर साजिश रचने के लिए बैठक की थी।


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