करोड़ों की धोखाधड़ी में एचडीएफसी बैंक का पूर्व अधिकारी गिरफ्तार
ईओडब्ल्यू के डीसीपी मोहम्मद अली ने बताया कि एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों ने पुलिस में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। बैंक अधिकारी अमित साहनी ने बताया था कि फर्जी दस्तावेज पर बैंक अधिकारियों द्वारा 145 लोगों को व्यक्तिगत लोन और 78 क्रेडिट कार्ड दिए गए।
नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने करोड़ों की धोखाधड़ी में एचडीएफसी बैंक के पूर्व अधिकारी संजीत कुमार को गिरफ्तार किया है। मूल रूप से हरियाणा के गुरुग्राम निवासी आरोपित ने फर्जी दस्तावेज पर लोन देकर बैंक को 10 करोड़ का चूना लगाया था। ठग ने दिल्ली नगर निगम में काम करने वाले शिक्षक और कर्मियों के नाम पर 145 लोगों को लोन जबकि 78 क्रेडिट कार्ड आवंटित कर धोखाधड़ी की थी। इस मामले में पुलिस बैंक के पूर्व कर्मी और आरोपित के तीन साथियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
ईओडब्ल्यू के डीसीपी मोहम्मद अली ने बताया कि एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों ने पुलिस में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। बैंक अधिकारी अमित साहनी ने बताया था कि फर्जी दस्तावेज पर बैंक अधिकारियों द्वारा 145 लोगों को व्यक्तिगत लोन और 78 क्रेडिट कार्ड दिए गए। इसके माध्यम से बैंक को 10 करोड़ रुपए का चूना लगाया गया। लोन दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) स्कूल और कार्यालय में काम करने वाले कर्मियों के नाम से जारी किया गया था। पुलिस ने वर्ष 2019 में मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की तो इसमें बैंक अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
जिसके बाद पुलिस की टीम ने लिए गए लोन के दस्तावेज जब्त कर उसे सत्यापन के लिए संबंधित विभाग सहित उन बैंकों को भेजा गया जिसमें लोन लेने वालों की तनख्वाह आती थी। विभाग और बैंक ने उक्त दस्तावेजों को फर्जी करार दे दिया। जिसके बाद बैंक के तीन अधिकारी राम आशीष, विनोद प्रसाद और तबरेज कमल को पुलिस ने फर्जीवाड़े में गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि एचडीएफसी बैंक की विभिन्न शाखाओं में काम करने वाले आरोपितों ने प्रक्रिया के विपरीत फर्जी दस्तावेज का सत्यापन कर धोखाधड़ी को अंजाम दिया था।
वहीं, बाद में पुलिस की टीम ने 8 मार्च को संजीत कुमार को भी धर दबोचा। वह एचडीएफसी बैंक में 2015 से 2017 तक अलग-अलग पदों पर काम कर चुका है। धोखाधड़ी के वक्त वह गुरुग्राम स्थित स्प्लेंडर ट्रेड टावर शाखा में सहायक बैंक प्रबंधक के रूप में कार्यरत था।