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Delhi Metro Big Loss News: पढ़िये- एक साल बाद भी तकरीबन 3000 करोड़ के घाटे से क्यों नहीं उबर पा रही मेट्रो

Delhi Metro News एक अनुमान के मुताबिक पिछले डेढ़ साल के दौरान दिल्ली मेट्रो 3000 करोड़ रुपये के घाटे में है। दरअसल अब भी मेट्रो पूरी क्षमता के साथ नहीं दौड़ पा रही है ऐसे में यह घाटा पाटने में कुछ महीने नहीं सालों का भी वक्त लग सकता है।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 11:56 AM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 02:07 PM (IST)
Delhi Metro Big Loss News: पढ़िये- एक साल बाद भी तकरीबन 3000 करोड़ के घाटे से क्यों नहीं उबर पा रही मेट्रो
Delhi Metro News: एक साल बाद भी तकरीबन 3000 करोड़ रुपये के घाटे में हैं दिल्ली मेट्रो

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। कोरोना वायरस संक्रमण के बाद मार्च 2020 से लेकर अगस्त 2020 तक बंद रही दिल्ली मेट्रो पिछले एक साल से एनसीआर में रफ्तार भर रही है, लेकिन इसका घाटा अब भी कम नहीं हुआ है। कोरोना काल से पहले रोजाना 10 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने वाली दिल्ली मेट्रो रेल निगम अब एक दिन में 3 करोड़ रुपये से कुछ अधिक ही कमा पाती है। एक अनुमान के मुताबिक, पिछले डेढ़ साल के दौरान दिल्ली मेट्रो रेल निगम 3000 करोड़ रुपये के घाटे में है। दरअसल, अब भी मेट्रो पूरी क्षमता के साथ नहीं दौड़ पा रही है, ऐसे में यह घाटा पाटने में कुछ महीने नहीं सालों का भी वक्त लग सकता है।

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बता दें कि 23 मार्च, 2020 से कोरोना महामारी के चलते लगे राष्ट्रव्यापी लाकडाउन के चलते दिल्ली मेट्रो रेल निगम को भारी नुकसान उठाना पड़ा। मेट्रो परिचालन बंद होने से डीएमआरसी को मार्च से अगस्त के बीच 2,800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। 7 सितंबर, 2020 से दिल्ली मेट्रो तो चली लेकिन लोगों ने मेट्रो में पहले की तरफ यात्रा करने से परहेज किया। इसके चलते सितंबर, 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक दिल्ली मेट्रो को 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। इसके बाद अप्रैेल से  दूसरी लहर के कहर के चलते मेट्रो बेहद सीमित यात्री क्षमता के साथ दौड़ और कुछ समय तो बंद रही, ऐसे में घाटा लगातार बढ़ा। 

100 फीसद सिटिंग कैपिसिटी के साथ चल ही मेट्रो ट्रेनें

कोरोना की दूसरी लहर में कमी आने के बाद भी दिल्ली मेट्रो पूर्व की तरह पूरी झमता के साथ नहीं दौड़ पा रही है। इसके पीछे दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सख्त गाइडलाइन भी है, जिसके अनुसार दिल्ली मेट्रो फिलहाल 100 फीसद सीटिंग कैपिसटी के साथ ही दौड़ रही है। ऐसे में लागत की तुलना में कमाई बेहद कम है। यही वजह है कि दिल्ली मेट्रो का घाटा कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है, जबकि पिछले एक साल से ट्रेनें रफ्तार भर रही हैं।

इन नियमों को किया जा रहा है पालन

  • हमेशा फेस मास्क लगाकर रखना अनिवार्य है।
  • एक-दूसरे यात्री के बीच 6 फीट की दूरी रहती है।
  • बीमार शख्स को प्रवेश नहीं मिलता है।
  • मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप अनिवार्य है।
  • फिलहाल दिल्ली मेेट्रो ट्रेन के भीतर खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं है।

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 यह भी जानें

गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई-अगस्त में कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद अनलाक-4 में दिल्ली मेट्रो का परिचालन 7 सितंबर से चरणबद्ध तरीके से शुरू हुआ था।

फिलहाल लागू हैं ये बदलाव

  • प्रत्येक मेट्रो स्टेशन के प्रवेश गेट पर सुरक्षा के साथ थर्मल स्क्रीनिंग भी होती है।
  • प्रवेश व निकास के लिए सभी गेट नहीं खोले गए हैं।
  • मेट्रो सिर्फ 100 फीसद कैपिसिटी के दौड़ रही हैं, ऐसे में यात्रा का समय बढ़ गया है।
  • फिलहाल स्टेशन पर ज्यादा देर ट्रेनें रुकती हैं।
  • लिफ्ट में एक समय में सिर्फ 3 लोग ही प्रयोग करते हैं।
  • दिनभर में कई बार कामन एरिया को सैनिटाइज किया जाता है।
  • एयरकंडीशन के तापमान 24 से 30 के बीच ही रहता है।

यह भी जानिये

  • दिल्ली मेट्रो रेल निगम का कुल 389 किलोमीटर का नेटवर्क है।
  • फिलहाल 280 से अधिक मेट्रो स्टेशन हैं।
  • लाकडाउन से पहले दिल्ली-एनसीआर में 28 लाख से अधिक लोग मेेट्रो में सफर करते थे, लेकिन फिलहाल यह 3 लाख से कुछ ज्यादा ही है।
  • फिलहाल डीएमआरसी पर 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का लोन है।
  • 30 साल के इस लोन के तहत सिर्फ 3000 करोड़ रुपये से कुछ अधिक का ही भुगतान किया गया है। इस लिहाज से 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी डीएमआरसी पर बाकी है।

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