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SRS Group की 2,510 करोड़ की संपत्तियां ईडी ने की जब्त, निवेशकों के डूबे हैं करोड़ों रुपये

SRS Group फरीदाबाद स्थित एसआरएस ग्रुप पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कस गया है। एसआरएस में निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये डूब गए हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 07:45 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 07:45 AM (IST)
SRS Group की 2,510 करोड़ की संपत्तियां ईडी ने की जब्त, निवेशकों के डूबे हैं करोड़ों रुपये
SRS Group की 2,510 करोड़ की संपत्तियां ईडी ने की जब्त, निवेशकों के डूबे हैं करोड़ों रुपये

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। SRS Group: फरीदाबाद स्थित एसआरएस ग्रुप पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कस गया है। मनी लांडिंग रोकथाम कानून के तहत कार्रवाई करते हुए ईडी ने एसआरएस ग्रुप, उसके निदेशकों और उनसे जुड़ी कंपनियों की 2,510 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली हैं। एसआरएस में निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये डूब गए थे, लेकिन जांच में पता चला कि एसआरएस ग्रुप ने निवेशकों से मिला धन मुखौटा कंपनियों के माध्यम से निजी संपत्ति बनाने में लगा दिया था।

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वैसे तो ईडी ने जब्त संपत्तियों का विस्तृत ब्योरा नहीं दिया है, लेकिन आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इनमें सिनेमा हॉल, मॉल, रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स, स्कूल, रिहायशी मकान, फिक्स डिपोजिट और बैंक खातों में जमा धन शामिल हैं। ईडी के अनुसार, एसआरएस ग्रुप रियल एस्टेट, कॉमर्शियल प्रोजेक्ट आदि में निवेश पर बड़ी आमदनी का झांसा देकर निवेशकों को आकर्षित करता था। शुरू में निवेशकों को झांसा देने के लिए कुछ महीने कथित आमदनी के पैसे लौटाए भी गए, लेकिन बाद में इसे देना बंद कर दिया गया। निवेशकों की शिकायत पर फरीदाबाद में एसआरएस ग्रुप के खिलाफ कई केस दर्ज हैं और उनमें से अधिकांश में आरोपपत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में भी एक एफआइआर दर्ज है। ईडी के अनुसार, एसआरएस ग्रुप के प्रमोटर अनिल जिंदल, जितेंद्र कुमार गर्ग और प्रवीण कुमार कपूर निवेशकों को धोखा देने की पूरी साजिश के सूत्रधार थे।

ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि मनी लांडिंग कानून के तहत जांच में पता चला कि निवेशकों से मिले पैसे को बताए गए प्रोजेक्ट में निवेश करने के बजाय कंपनी ने मुखौटा कंपनियों के सहारे ट्रांसफर कर दिया। बाद में उसी पैसे से निदेशकों ने अपने नाम पर निजी संपत्तियां खड़ी कर लीं। जांच में निवेशकों के पैसे से 2,510 करोड़ की संपत्तियां खड़ी करने के सुबूत मिले हैं। इसके बाद यह कार्रवाई की गई।


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