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प्रदूषण के खिलाफ एलान-ए-जंग, जानिये- क्या है दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2018 का मसौदा

बैटरी चार्ज करने की सुविधा बस डिपो, बस टर्मिनल व मेट्रो स्टेशन पर उपलब्ध कराई जाएगी। चार्जिंग स्टेशन निर्माण में दिल्ली सरकार भारी सब्सिडी भी देगी।

By Edited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 11:23 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 08:33 AM (IST)
प्रदूषण के खिलाफ एलान-ए-जंग, जानिये- क्या है दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2018 का मसौदा
प्रदूषण के खिलाफ एलान-ए-जंग, जानिये- क्या है दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2018 का मसौदा

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उसने इलेक्ट्रिक वाहनों (ई-वाहनों) को बढ़ावा देते हुए इलेक्ट्रिक वाहन नीति तैयार की है। सरकार ने मंगलवार को दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2018 का मसौदा जारी किया। इसके अनुसार बिजली से चलने वाले वाहनों का कम से कम 25 फीसद पंजीकरण वर्ष 2023 तक प्रति वर्ष किया जाएगा।

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बिजली के ऑटो से चलने वाले यात्री को दस रुपये की सब्सिडी मिलेगी। वाहन में लगने वाली पुरानी बैटरी को खरीदने व बेचने के लिए नोडल एजेंसी बनाई जाएगी, बैटरी को कोई स्वयं नहीं बेच पाएगा। प्रत्येक तीन किलोमीटर की दूरी पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी चार्ज करने की व्यवस्था होगी। परिवहन विभाग ने इस मसौदे को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। सरकार ने जनता से सुझाव मांगे हैं। सुझाव देने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सर्दी के दौरान दिल्ली में 30 फीसद प्रदूषण वाहनों के कारण होता है। ई-वाहनों से प्रदूषण नहीं होता है, इसलिए सरकार ने इन्हें बढ़ावा देने का फैसला किया है। शुद्ध हवा में सास लेने के लिए बिजली से चलने वाले वाहनों को प्रोत्साहन देना होगा। इससे जहां प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी, वहीं भविष्य भी बेहतर होगा। सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सुविधाओं में विस्तार करने का फैसला किया है। बैटरी चार्ज करने के लिए आधारभूत संरचना मजबूत की जाएगी। सरकार के इस फैसले से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

दो पहिया वाहन पर मिलेगी 22 हजार सब्सिडी
ई-दोपहिया वाहन पर 22 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी, ताकि उसका मूल्य पेट्रोल के दोपहिया वाहन के बराबर हो सके। ई-दोपहिया टैक्सी को भी बढ़ावा मिलेगा। पुराने डीजल के दोपहिया वाहनों को स्क्रैप में डालने पर या समाप्त करने पर 15 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। ई-कैब को पंजीकरण में सुविधा दी जाएगी। ई-ऑटो का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को कैश बैक की सुविधा दी जाएगी।

देंगे प्रोत्साहन
एसिड बैटरी वाले ई-रिक्शा को एडवास बैटरी में बदलने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ई-कैब को पंजीकरण शुल्क, रोड टैक्स और एमसीडी की तरफ से वाहन खरीदते समय लगने वाले एकमुश्त पार्किंग शुल्क पर पूरी छूट दी जाएगी। ई-कैब का इस्तेमाल करने पर प्रति यात्री 10 रुपये का कैश बैक दिया जाएगा।

ई-रिक्शा नीति भी तय
ई-रिक्शा नीति भी तय की गई है। ई-रिक्शा का पंजीकरण मुफ्त होगा। प्रत्येक ई-रिक्शा को नई व बेहतर बैटरी का इस्तेमाल करने के लिए कहा जाएगा। नया ई-रिक्शा खरीदने पर 20 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी, इसे ई-कैब बनाने पर ब्याज पर पांच फीसद सब्सिडी दी जाएगी। इलेक्ट्रिक मालवाहक वाहन को बढ़ावा देने के लिए पहले पाच हजार ई-मालवाहक वाहन को 20 हजार रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।

इलेक्ट्रिक बस नीति भी इसका हिस्सा
राजधानी दिल्ली में कुल चलने वाली बसों में से आधी बिजली से चलने वाली होंगी। इसकी शुरुआत 2019 में एक हजार इलेक्ट्रिक बसों की खरीद से की जाएगी।

हर तीन किलोमीटर पर चार्जिंग प्वाइंट
बैटरी चार्ज करने की सुविधा बस डिपो, बस टर्मिनल व मेट्रो स्टेशन पर उपलब्ध कराई जाएगी। चार्जिंग स्टेशन निर्माण में दिल्ली सरकार भारी सब्सिडी देगी। प्रथम दस हजार चार्जिंग स्टेशन निर्माण में तीस हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। लोगों के घरों से कार्यालय पहुंचने तक वाहन की बैटरी चार्ज रहे, यह सुनिश्चित किया जाएगा। चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली की दर सस्ती रखी जाएगी।


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