ईवी चार्जिंग स्टेशन पर नहीं आ रहे वाहन, रोजमर्रा का खर्च निकाल पाना मुश्किल
राजधानी में आनंद विहार रेलवे स्टेशन परिसर में भी इस तरह का चार्जिंग स्टेशन दो माह पहले चालू किया गया था लेकिन उसमें वाहन ही नहीं आ रहे। आय तो दूर चार्जिंग मशीनों की देखरेख व संचालन का खर्च तक निकालना मुश्किल हो रहा है।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए इलेक्टिक वाहनों को बढ़ावा देने का हर जतन किया जा रहा है। ऐसे वाहनों को चार्ज करने के लिए कई जगह इलेक्टिक व्हीकल (ईवी) चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। राजधानी में आनंद विहार रेलवे स्टेशन परिसर में भी इस तरह का चार्जिंग स्टेशन दो माह पहले चालू किया गया था, लेकिन उसमें वाहन ही नहीं आ रहे। आय तो दूर, चार्जिंग मशीनों की देखरेख व संचालन का खर्च तक निकालना मुश्किल हो रहा है। अटेंडेंट का वेतन भी जेब से देना पड़ रहा है।
आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर ईवी चार्जिंग स्टेशन का संचालन संकल्प फाउंडेशन कर रही है। इस चार्जिंग स्टेशन पर उम्मीद के अनुरूप वाहन नहीं आ रहे। सप्ताह में औसतन दो से तीन टैक्सी ही चार्जिंग के लिए आती हैं। लोग निजी इलेक्टिक वाहनों को यहां चार्ज करने के लिए नहीं लाते, जबकि आनंद विहार सार्वजनिक परिवहन संसाधनों का बड़ा हब है। रेलवे स्टेशन के पास मेट्रो स्टेशन और दो अंतरराज्यीय बस अड्डे हैं।
लोगों तक जानकारी पहुंचाने का काम नहीं किया: वाहन न आने की बड़ी वजह यह है कि आनंद विहार रेलवे स्टेशन परिसर में चार्जिंग स्टेशन चालू होने की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए काम नहीं किया गया।
स्टेशन परिसर में कुछ जगहों पर ही चार्जिंग स्टेशन होने के बारे में बोर्ड से जानकारी मिलती है। स्टेशन के बाहर मुख्य सड़क से गुजरने वाले इलेक्टिक वाहन चालकों को चार्जिंग की व्यवस्था होने के बारे में बताने के लिए कोई पहल नहीं की गई।
अल्ट्रा फास्ट चार्जर लगाना है मुश्किल
इस चार्जिंग स्टेशन में छह फास्ट (एसी) चार्जर लगे हैं। एक वक्त में यहां पर छह वाहन चार्ज किए जा सकते हैं। जीएसटी समेत 15.75 रुपये प्रति यूनिट चार्जिंग शुल्क तय है। इन चार्जरों में इलेक्टिक कार के अलावा ई-साइकिल, स्कूटर, बाइक और रिक्शा चार्ज करने की सुविधा है। सोचा जा रहा था कि अच्छा रुझान मिलने पर अल्ट्रा फास्ट (डीसी) चार्जर लगवाए जाएंगे, लेकिन वस्तुस्थिति देख कर संस्था उसके लिए उत्साहित नहीं है।
- सप्ताह में दो-तीन से ज्यादा वाहन चार्जिंग के लिए आ रहे। यह संख्या न के बराबर है। इसमें भी सिर्फ टैक्सी ही चार्ज होने आती हैं। निजी वाहन लोग चार्ज करने नहीं ला रहे। लोग आते हैं, चार्जिंग की व्यवस्था व शुल्क के बारे में पूछ कर चले जाते हैं। संचालन का खर्च नहीं निकल पा रहा है। प्रांशुल मित्तल ट्रस्टी, संकल्प फाउंडेशन
- चार्जिंग स्टेशन को लेकर उतना रुझान नहीं मिल रहा है, जितनी उम्मीद की गई थी। इस स्टेशन की व्यवस्था करने में लगी लागत के साथ संचालन का शुल्क निकालना मुश्किल हो रहा है। वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। ओपी कैन नोडल अधिकारी, आइआरएसडीसी