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22 साल बाद बुजुर्ग महिला से मिलकर खुशी के मारे झूम उठा परिवार, संस्था को कहा 'Thank you'

अपना घर आश्रम के सेवादार अशोक तंवर ने बताया कि 15 दिन पहले संस्था के सदस्यों ने कंचन देवी को करोल बाग क्षेत्र में घूमते देखा। इसके बाद उन्हें आश्रम लाया गया। यहां पर उनकी देखभाल की गई व उनकी एक वीडियो बनाकर फेसबुक इंस्टाग्राम पर वायरल की गई।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 03:31 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 03:31 PM (IST)
22 साल बाद बुजुर्ग महिला से मिलकर खुशी के मारे झूम उठा परिवार, संस्था को कहा 'Thank you'
राजस्थान के जोधपुर के अखियां चौराहा निवासी कंचन देवी

नई दिल्ली [सोनू राणा]। बवाना की ‘अपना घर आश्रम’ संस्था की ओर से 22 वर्षों से लापता 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला को उसके परिवार से मिलवाया गया। 22 वर्ष बाद बुजुर्ग से मिलकर परिवार के सदस्यों की खुशी का ठिकाना नहीं है। उन्होंने संस्था का आभार जताया है। दरअसल राजस्थान के जोधपुर के अखियां चौराहा निवासी कंचन देवी मानसिक रूप से बीमार हैं। बीमारी के चलते वह वर्ष 1999 में घर से लापता हो गई थी और दर-दर की ठोकरें खा रही थी। तब से स्वजन उन्हें हर जगह तलाश चुके थे, लेकिन उनका कोई पता नहीं लग पाया था।

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अपना घर आश्रम के आजीवन सेवादार अशोक तंवर ने रविवार को बताया कि 15 दिन पहले संस्था के सदस्यों ने कंचन देवी को करोल बाग क्षेत्र में घूमते देखा। इसके बाद उन्हें आश्रम लाया गया। यहां पर उनकी देखभाल की गई व उनकी एक वीडियो बनाकर फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर वायरल की गई।

इस वीडियो को उनके बेटे अनिल ने देखा व अपने गांव से दो किलोमीटर दूर अपना घर आश्रम जोधपुर के सदस्य महादेव भंवर से संपर्क किया। महादेव ने तुरंत दिल्ली आश्रम के सचिव सावरमल गोयल को सूचित किया। सावरमल गोयल ने एंबुलेंस की मदद से कंचन को बूढ़पुर आश्रम में बुला लिया। इसके बाद उनके बच्चे अनिल, सुनील व परिवार के अन्य सदस्य दिल्ली पहुंचे और कंचन को अपने घर राजस्थान लेकर चले गए। कंचन एक मजदूर परिवार सें संबंध रखती हैं और उनके पति का नाम जगदीश कुमार है।

संस्था की ओर से लगातार की जा रही जरूरतमंदों की मदद

गौरतलब है कि अपना घर आश्रम में सड़कों पर लावारिस मिले लोगों को रखा जाता है। यहां पर संस्था के सदस्य उनकी देखभाल करते हैं। अशोक तंवर ने बताया कि अपना घर आश्रम में आए हर जरूरतमंद को प्रभु का एक रूप माना जाता है। इसलिए आश्रम के सदस्य उन्हें ‘प्रभु जी’ के नाम से पुकारते हैं। संस्था की ओर से अभी तक कंचन जैसे हजारों को उनके परिवार से मिलाया जा चुका है।


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