राजघाट पर अब दिखेगी कांस्य धातु से बनी 1.8 मीटर ऊंची बापू की प्रतिमा
राजघाट पर महात्मा गांधी की यह पहली प्रतिमा है। कांस्य धातु से बनी 1.8 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद राजघाट पर कुछ पर्यटक सुविधाओं की भी शुरुआत की।
नई दिल्ली [ जेएनएन ] । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर प्रतिदिन आने वाले लगभग दस हजार पर्यटकों के लिए अब बापू की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र बनेगी। सोमवार को गांधी जयंती के मौके पर उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया।
राजघाट पर महात्मा गांधी की यह पहली प्रतिमा है। कांस्य धातु से बनी 1.8 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद राजघाट पर कुछ पर्यटक सुविधाओं की भी शुरुआत की।
इसमें अत्याधुनिक व्याख्यान केंद्र और पर्यटकों की तमाम सुविधाओं से लैस प्रशासनिक भवन शामिल है। नवनिर्मित प्रशासनिक भवन में कर्मचारी कक्ष और आगंतुक कक्ष के अलावा प्रकाशन केंद्र भी मौजूद है।
राजघाट पर बापू की समाधि जोकि काले ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित है, यहां देश विदेश से आने वाले सैलानी, राजनियक और राष्ट्राध्यक्ष श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। मशहूर शिल्पकार राम सुतार द्वारा निर्मित गांधी जी की प्रतिमा को राजघाट के पार्किंग क्षेत्र में ग्रेनाइट की दो फुट ऊंची आधारशिला पर स्थापित किया गया है।
आधारशिला पर हिंदी और अंग्रेजी में लिखा है, 'खुद में वह बदलाव लाओ, जो तुम देखना चाहते हो।' पार्किंग परिसर में ही पर्यटकों के लिये निर्मित व्याख्यान केंद्र में महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी प्रमुख घटनाओं और उनके कार्यों की जानकारी डिजिटल एलइडी स्क्रीन के माध्यम से ले सकेंगे।
साथ ही व्याख्यान केंद्र में इयरफोन के माध्यम से गांधी जी के ऐतिहासिक भाषण सुनने और गांधी दर्शन पर आधारित प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता में भी भाग लेने की सुविधा सैलानियों को मिलेगी।