पुलिस की वर्दी में लूट का डर दिखा ठगने वाले आठ दोस्त गिरफ्तार
गिरफ्तार आरोपितों की इसरार प्रदीप मोनू कमल उमा शंकर नजीर और अंकित ने मिलकर तीन अलग अलग गैंग बनाया था। तीनों गैंग ने मिलकर 300 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दिया। आरोपितों के कब्जे से तीन कार सोने की ज्वैलरी एटीएम कार्ड वॉकी-टॉकी लिफाफे बरामद किए हैं।
नई दिल्ली, गौरव वाजपेई। यात्रियों को लिफ्ट देकर खुद को पुलिसकर्मी बता ठगी करने वाले लिफाफा गैंग के आठ बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों की इसरार, प्रदीप, मोनू, कमल, उमा शंकर, नजीर और अंकित ने मिलकर तीन अलग अलग गैंग बनाया था। तीनों गैंग ने मिलकर 300 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दिया। आरोपितों के कब्जे से तीन कार, सोने की ज्वैलरी, एटीएम कार्ड, वॉकी-टॉकी, लिफाफे बरामद किए हैं। 100 से ज्यादा वारदातों में आरोपितों की भूमिका सामने आ गई है।
दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त इंगित प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जिले के अलग-अलग थानों में यात्रियों को लिफ्ट देकर लूटपाट के मामले सामने आ रहे थे। सभी वारदातों के पीडि़तों ने बताया कि आरोपितों का वारदात को अंजाम देने का तरीका एक सा ही था। पीड़ितों ने बताया कि आरोपित पुलिसकर्मी बनकर या फिर पुलिस जांच का डर दिखाकर लोगोंं से लूटपाट करते हैं।
घटना की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया टीम को मिली गुप्त सूचना के आधार पर आरके पुरम की फल मार्केट के पास मौजूद पुलिस टीम को एक गाड़ी में तीन लोग आते दिखाई दिए। पुलिस टीम ने गाड़ी को जांच के लिए रुकने का इशारा किया, लेकिन बदमाशों ने गाड़ी भगानी शुरू कर दी। पुलिस टीम ने बदमाशों का पीछा किया और उन्हें दबोच लिया। पकड़े गए बदमाशों में इसरार, प्रदीप और मोनू शामिल थे। पुलिस को पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह तीन गैंग में काम करते हैं और कुल आठ दोस्त हैं। बाकी आरोपितों की पहचान के बाद पुलिस ने त्रिलोकपुरी में छापा मारकर गिरफ्तार कर लिया।
जांच के बहाने बदल देते थे लिफाफा
आरोपितों ने बताया कि वह लिफ्ट देने के बाद लोगों को पुलिस जांच का डर दिखाते थे और उनकी ज्वेलरी, कैश लिफाफे में रखवाकर उनका लिफाफा बदल देते थे और फरार हो जाते थे। लोगों को उनके जाने के बाद लूट का पता चलता था। पुलिस को आरोपितों ने बताया कि वह एटीएम बदलकर भी लोगों के साथ ठगी करते थे। आरोपितों का दावा है कि पिछले एक साल में उन्होंने 300 से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बनाया है।
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