युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने में स्कूलों की भूमिका महत्वपूर्ण: निशंक
शिक्षा मंत्री ने इस दौरान कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उद्देश्य एक ऐसी प्रणाली में बदलाव का मार्गदर्शन करना है जिससे युवाओं का भविष्य बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने में स्कूलों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने माध्यमिक स्तर (कक्षा 6-10) के लिए एक योग्यता आधारित सांकेतिक मूल्यांकन संरचना (असेसमेंट फ्रेमवर्क) तैयार की है। इसमें मुख्य रूप से तीन विषय- अंग्रेजी, गणित और विज्ञान शामिल है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को इस असेसमेंट फ्रेमवर्क को लांच किया।
शिक्षा मंत्री ने इस दौरान कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उद्देश्य एक ऐसी प्रणाली में बदलाव का मार्गदर्शन करना है, जिससे युवाओं का भविष्य बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने में स्कूलों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस परियोजना के माध्यम से एनईपी के दृष्टिकोण की कार्रवाई में परिणति हो जाएगी।
बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक ये संरचना भारत की वर्तमान विद्यालय शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने और भारत भर के छात्रों के साकल्य शिक्षण परिणामों में सुधार करने के लिए लांच की गई है। बोर्ड ने इस नए असेसमेंट फ्रेमवर्क की रूपरेखा ब्रिटिश काउंसिल के साथ मिलकर तैयार की है। बोर्ड के मुताबिक ये संरचना सीबीएसई की योग्यता आधारित शिक्षा परियोजना का एक हिस्सा है। बोर्ड के मुताबिक इससे छात्रों की रटने की आदत खत्म होगी। ये फ्रेमवर्क छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान देने और परेशानियों का हल ढूंढने की क्षमता विकसित करने का कार्य करेगा।
बोर्ड के अनुसार यह पहल एनईपी 2020 के तहत की गई है। इसमें पहले चरण में चयनित केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, यूटी चंडीगढ़ और देश भर के निजी स्कूल इस कार्यक्रम में भाग लेंगे और इसे 2024 तक भारत के सभी 25 हजार सीबीएसई स्कूलों में शुरू किया जाएगा। वहीं, इस दौरान शिक्षा मंत्री ने स्कूली छात्रों के लिए 100 से अधिक कामिक पुस्तकों का भी विमोचन किया।