Nursery Admission: शिक्षा निदेशक ने कहा- अभिभावक बेहिचक करें शिकायत, होगी कार्रवाई
दिल्ली में नर्सरी दाखिले को लेकर अभिभावकों के सामने कई तरह की परेशानियां आ रही हैं। अभिभावकों की शिकायत है कि कुछ स्कूल धर्म एवं जाति की सूचना मांग रहे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। नर्सरी दाखिला प्रक्रिया में मनमानी करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह दावा शिक्षा निदेशक संजय गोयल ने किया है। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्कूल में नियमों की अनदेखी की जा रही है, तो अभिभावक बेहिचक शिकायत दर्ज कराएं। शिकायत पर यदि शिक्षाधिकारी अमल नहीं करते हैं तो अभिभावक सीधे निदेशालय में शिकायत करें।
अभिभावकों की शिकायत स्कूल की होगी जांच
यहां बता दें कि दिल्ली में नर्सरी दाखिले को लेकर अभिभावकों के सामने कई तरह की परेशानियां आ रही हैं। अभिभावकों की शिकायत है कि कुछ स्कूल धर्म एवं जाति की सूचना मांग रहे हैं। वहीं कुछ स्कूलों की वेबसाइट में समस्या आ रही है। साथ ही स्कूल मनमाने ढंग से प्वाइंट सिस्टम को निर्धारित कर रहे हैं। गोयल ने बताया कि अभी तक इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। लिखित शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
धर्म और जाति के आधार पर प्वाइंट्स देना गलत
संजय गोयल ने बताया कि आवेदन पत्र में अभिभावकों एवं उनके बच्चों की जाति एवं धर्म की जानकारी मांगने पर कोई रोक नहीं है। हालांकि इस आधार पर वेटेज या प्वाइंट्स देना गलत है। उन्होंने बताया कि ईडब्ल्यूएस दाखिले की प्रक्रिया के लिए शेड्यूल तैयार हो चुका है, जल्द ही इसे जारी कर दिया जाएगा।
अभिभावकों को अधिकतम उम्र सीमा पर अभी असमंजस
दिल्ली सरकार की तरफ से नर्सरी दाखिले के लिए 31 मार्च, 2019 तक बच्चे की उम्र 4 साल से कम होनी चाहिए। वहीं, केजी में दाखिले के लिए 5 साल से कम और पहली कक्षा के लिए 6 साल से कम उम्र होनी चाहिए। ऐसे में जिनके बच्चे मार्च के मध्य में चार साल के हो रहे हैं। उनके सामने समस्या आ रही है। पहाड़गंज के निखिल बताते हैं कि उनके बेटे की उम्र 25 मार्च 2019 को 4 साल हो जाएगी। लेकिन, नर्सरी दाखिले को लेकर समस्या आ रही है। ऐसे में वह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर बच्चे का प्रवेश वह किस तरह से कराएं और समस्या का समाधान कैसे मिले।
यूआइडीएआइ ने स्कूलों को चेताया
इधर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने स्कूलों को चेताते हुए कहा कि 12 अंकों की आधार संख्या को प्रवेश की पूर्व शर्त नहीं बनाया जा सकता। ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश की अवमानना होगी। यूआइडीएआइ ने यह चेतावनी ऐसे समय जारी की है, जब दिल्ली के 1,500 निजी स्कूलों में नर्सरी और प्रवेश स्तर की कक्षाओं में एडमिशन शुरू हुए हैं। ऐसी रिपोर्ट मिली हैं कि प्रवेश के लिए कुछ स्कूल अनिवार्य तौर पर आधार की मांग कर रहे हैं। यूआइडीएआइ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण ने कहा, ‘यह सही नहीं है। यह कानून के प्रावधानों के मुताबिक नहीं है। बच्चों का स्कूल में प्रवेश और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए आधार को पूर्व शर्त नहीं बनाया जा सकता।’ यूआइडीएआइ ने स्कूल अधिकारियों और उनके प्रबंधन से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि आधार के अभाव में किसी बच्चे को प्रवेश से वंचित नहीं किया जाए।