आज से दिल्ली के रिहायशी इलाके में चलने वाली 500 फैक्ट्रियां होंगी सील
दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए रिहायशी इलाके में चलने वाली सभी फैक्ट्रियों को बंद किया जाएगा। चाहे वह एक कमरे में ही क्यों न चल रही हों। इसके लिए कार्रवाई शुरू हो रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए रिहायशी इलाके में चल रही फैक्ट्रियों को सील किया जाएगा। चाहे वह एक ही कमरे में क्यों न चल रही हो। पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा दूसरे फेज में 500 फैक्ट्रियों को सील किया जाएगा। पहले चरण में उन फैक्ट्रियों को सील किया गया था, जिन्हें बवाना में प्लॉट मिल गए थे, फिर भी फैक्ट्रियां पुरानी जगह पर ही चल रही थीं। इसके बाद तीसरे फेज के तहत कार्रवाई होगी।
फैक्ट्री लाइसें¨सग विभाग के उपायुक्त संजीव कुमार ने बताया कि रिहायशी इलाके में चलने वाली सभी फैक्ट्रियां बंद होंगी। पहले चरण का कार्य पूरा होने के बाद अब दूसरा चरण शुरू किया जा रहा है। इसके समापन के बाद तीसरे चरण की शुरुआत होगी, जिसमें चलने वाली फैक्ट्रियों का सर्वे किया जाएगा, साथ ही सी¨लग भी होगी। गौरतलब है कि 2004 में पूर्वी दिल्ली में कराए गए सर्वेक्षण में 6511 अवैध फैक्ट्रियां मिली थीं, जिन्हें बवाना में प्लॉट नहीं दिए जा सके थे।
पिछले दिनों हुए सर्वे में शाहदरा उत्तरी जोन में सिर्फ 199 फैक्ट्रियां ही चालू मिलीं। इनमें से 170 को नोटिस दिया गया है। इनमें से 20 फैक्ट्रियां खाली हो गई हैं और मालिक द्वारा 32 लाख रुपये जुर्माना जमा करवा दिया गया है। शाहदरा दक्षिणी जोन में 330 फैक्ट्रियों को नोटिस जारी किया गया है। यहां गुरुवार से सीलिंग की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
बिजली-पानी के कनेक्शन भी काटे जाएंगे निगम उपायुक्त संजीव कुमार के अनुसार, फैक्ट्रियों को सील करने के साथ मकान का बिजली-पानी का कनेक्शन भी काटा जाएगा, जिससे कोई दोबारा फैक्ट्री शुरू न कर सके। जिन्होंने खाली कर दी, उसे सील नहीं किया जाएगा इस बार निगम ने लोगों को सुविधा दी है।
पिछली बार विश्वास नगर में कार्रवाई के दौरान निगम दस्ते ने खाली फैक्ट्रियों को भी सील कर दिया था। किराये पर फैक्ट्री चलाने वाले तो खाली कर चले गए, लेकिन मकान मालिक का भवन सील हो गया। इस बार मकान मालिकों को राहत दी गई है कि खाली फैक्ट्री सील नहीं होगी, लेकिन उन्हें जुर्माना चुकाना ही होगा, अन्यथा बाद में सीलिंग की कार्रवाई होगी।
इस बार दो मौके मिलेंगे
फैक्ट्री मालिकों को आमतौर पर पूर्वी निगम द्वारा 48 घंटे का नोटिस देने के बाद अगर जवाब नहीं आता था तो तय अवधि खत्म होते ही सीलिंग की कार्रवाई शुरू की जाती थी। इस बार यह व्यवस्था बनी है कि 48 घंटे में अगर कोई जवाब नहीं देता है और निगम का दस्ता वहां पहुंच जाता है। इस दौरान मालिक अगले 48 घंटे में फैक्ट्री खाली करने का आश्वासन देता है तो उसे एक और मौका दिया जाएगा।