Delhi Violence Case: AAP के निलंबित पार्षद के ताहिर हुसैन के घर ईडी की दूसरी बार छापेमारी
दिल्ली हिंसा के आरोपित और आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के ठिकानों पर ईडी छापेमारी कर रही है।
नई दिल्ली, राकेश कुमार सिंह। Delhi Violence case: उत्तर-पूर्वी जिले में हुए दंगे के मुख्य आरोपित आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन पर ईडी का शिंकजा कसता ही जा रहा है। शुक्रवार को एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने उसके चांद बाग व करावल नगर स्थित घरों पर छापेमारी की है। इससे पूर्व पिछले हफ्ते ईडी ने ताहिर और उससे जुड़े लोगों के यहां दिल्ली और नोएडा में 6 स्थानों पर छापे मारे थे। ताहिर का नाम दंगे में सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने चांद बाग स्थित उसका घर सील कर पुलिस तैनात कर दी थी।
शुक्रवार को छापे के दौरान ईडी ने ताहिर के घर से कई अहम दस्तावेज जब्त किए। इसमें कई बैंक खातों के बारे में और जानकारी मिली है। वहीं ताहिर के खिलाफ दायर चार्जशीट में क्राइम ब्रांच ने ताहिर पर कई संगठनों से मोटी रकम लेने और दंगाइयों में एक करोड़ से अधिक रुपये वितरित करने का आरोप है। हालांकि, दावा यह भी किया जा रहा है कि उसने खुद के लाखों रुपये भी वितरित किए हैं।
इसी वजह से करीब डेढ़ महीने पहले ही ईडी ने ताहिर व अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था। आरोप है कि ताहिर ने फर्जी कंपनियों के जरिये 1 करोड़ से अधिक रुपये सीएए विरोधी प्रदर्शन करने वालों को देकर दंगे की साजिश रची थी। ताहिर हुसैन, जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूख को दंगे का प्रमुख साजिशकर्ता क्राइम ब्रांच ने बताया है।
ताहिर पर दंगे के दौरान आइबी के सिपाही अंकित शर्मा की हत्या करने का भी आरोप है। सूत्रों के मुताबिक क्राइम ब्रांच पहले ही ताहिर और उससे जुड़े लोगों के बैंक खातों के बारे में ईडी को जानकारी दे चुकी है। ऐसे में छापेमारी में मिले दस्तावेजों से ईडी को ताहिर के खिलाफ मनी लॉड्रिंग के मामले में और सुबूत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। दरअसल, ईडी के अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूख और ताहिर का लेनदेन हुआ या नहीं हुआ। यदि लेनदेन हुआ तो दंगे से पहले कितना और कब हुआ, क्योंकि फैसल पर हिंसा से पहले देवबंद से दंगाइयों को लेकर आने का आरोप है।
इन दंगाइयों को रुपये दिए जाने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। यूपी के अमरोहा का रहने वाला ताहिर 2 दशक पहले मजदूरी करने दिल्ली आया था तब से दिल्ली के करावल नगर में ही परिवार के साथ रह रहा है। उसने खूब तरक्की की अभी वह कई फैक्ट्री का मालिक है। आर्थिक स्थिति ठीक होने पर अमरोहा से उसके पिता कल्लन सैफी भी परिवार के साथ दिल्ली में बेटे के पास पहुंच गए थे। ताहिर हुसैन का भाई गांव में स्कूल चलाता है। ताहिर 2017 में पहली बार चुनाव लड़ा था और आम आदमी पार्टी से पार्षद चुना गया ।