दिल्ली में छोटी दुकानों को मिली बड़ी राहत, नगर निगम ने संपत्ति कर में दी छूट
लोकल और कामन शापिंग सेंटर में चल रहीं छोटी दुकानों को पूर्वी निगम ने बड़ी राहत दे दी है। दरअसल निगम मूल्याकंन समिति-तृतीय की सिफारिशें लागू होने की वजह से इन दुकानों का संपत्ति कर लगभग पांच गुना तक बढ़ गया था।
नई दिल्ली स्वदेश कुमार। लोकल और कामन शापिंग सेंटर में चल रहीं छोटी दुकानों को पूर्वी निगम ने बड़ी राहत दे दी है। दरअसल निगम मूल्याकंन समिति-तृतीय की सिफारिशें लागू होने की वजह से इन दुकानों का संपत्ति कर लगभग पांच गुना तक बढ़ गया था। इससे दुकानदार परेशान थे। कोरोना काल में आमदनी घटने की वजह से अधिक कर चुकाना सभी के लिए संभव नहीं था। ऐसे में पूर्वी निगम ने इन दुकानों के मालिकों को राहत दे दी है। पूर्वी निगम ने बढ़े हुए कर के बराबर छूट दे दी है।
इस संबंध में सदन में प्रस्ताव भी पारित हो चुका है। 27 जुलाई को यह प्रस्ताव सबसे पहले स्थायी समिति में लाया गया था।
इसे नेता सदन सत्यपाल सिंह ने पेश किया था। समिति के उपाध्यक्ष दीपक मल्होत्रा ने इसका अनुमोदन किया। प्रस्ताव में कहा गया कि पूर्वी निगम के क्षेत्र में डीडीए द्वारा बनाए गए लोकल और कामन शापिंग सेंटरों में छोटी-छोटी दुकानें हैं। कोरोना की वजह से पिछले साल और इस साल लाकडाउन लगा। लाकडाउन में दुकानें बंद रहीं। इसके बाद भी दुकानों में ग्राहकों के लाले पड़े रहे। ऐसे में इनकी आमदनी भी काफी कम हो गई है। पहले ये दुकानें कैटेगरी डी में आती थीं। लेकिन मूल्याकंन समिति की सिफारिशें लागू होने से इन दुकानों की कैटेगरी ए हो गई।
ऐसे में संपत्ति कर में पांच गुना तक वृद्धि हो गई। स्थायी समिति के चेयरमैन बीर सिंह पंवार ने बताया कि पूर्वी निगम हमेशा आम लोगों के हित में काम करती है। इसी वजह से यह प्रस्ताव लाया गया। स्थायी समिति के बाद सदन में भी इसे पारित कर दिया गया है। इसके तहत जितनी वृद्धि हुई थी, उतनी ही छूट प्रदान कर दी गई है। यह छूट निगम अधिनियम 1957 की धारा 177 के तहत दी गई है।
पार्षद अपर्णा गोयल ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि उनके वार्ड में सबसे ज्यादा सोसाइटी हैं और डीडीए के शापिंग सेंटर भी। यहां के दुकानदार इससे काफी प्रभावित हो रहे थे। इस फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिली है। दरअसल मूल्यांकन समिति की सिफारिशें पिछले साल ही लागू हो गई थीं। लेकिन दुकानदारों को इस बार ही इसका पता चल पाया। इसके बाद उन्होंने निगम के पदाधिकारियों से इसे कम करने के लिए फरियाद लगाई थी।