त्रिलोकपुरी के संजय झील पार्क में सस्ते रेट में खरीदें जैविक खाद, डीडीए की पहल
अपने पार्क और नर्सरियों को हरा-भरा रखने के लिए इसी खाद का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बावजूद काफी मात्रा में खाद बच रही है जिसे बेच कर डीडीए आय अर्जित करेगा। बिक्री के लिए खाद का दाम दस रुपये किलो तय किया गया है।
नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। त्रिलोकपुरी के संजय झील पार्क में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) केंचुआ खाद (वर्मी कंपोस्ट) तैयार कर रहा है। अपने पार्क और नर्सरियों को हरा-भरा रखने के लिए इसी खाद का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बावजूद काफी मात्रा में खाद बच रही है, जिसे बेच कर डीडीए आय अर्जित करेगा। बिक्री के लिए खाद का दाम दस रुपये किलो तय किया गया है। कोई भी व्यक्ति पार्क में बनी नर्सरी में जाकर खाद का पैकेट खरीद सकता है।
हर हौद तीन फुट गहरी
पूर्वी डिवीजन उद्यान के सहायक निदेशक एसआर बिश्नोई ने बताया कि पार्क के एक छोर में छायादार स्थान पर तैयार 29 हौद बनाई गई हैं। प्रत्येक हौद करीब तीन फुट गहरी है। इस खाद को तीन चरण में तैयार किया रहा है। पहले चरण में पार्क से जो भी जैविक अपशिष्ट, घास, पत्ता आदि निकलता है, उसे बारीकी से काटकर हौद में डाला जाता है।
तीन चरणों में होता है तैयार
दूसरे चरण में सूखा हुआ दो महीना पहले का पुराना गोबर डालकर मिश्रण तैयार किया जाता है। वहीं, तीसरे चरण में हौद को पूरा भरने के बाद उसमें एक से दो किलो केंचुआ डाला जाता है। इसमें हर दो से तीन दिन में पानी का छिड़काव किया जाता है, ताकि नमी बनी रहे।खाद में विभिन्न तत्वों की मात्रापूर्वी डिवीजन उद्यान के अनुभागीय अधिकारी हेमंत ने बताया कि केंचुआ खाद सबसे अच्छी होती है।
केचुआ खाद में नहीं होती है बदबू
इस खाद में बदबू नहीं होती, जिससे वातावरण प्रदूषित नहीं होता। इसके अलावा खाद से मक्खी व मच्छरों का खतरा भी नहीं रहता। तापमान नियंत्रित रहने से जीवाणु क्रियाशील तथा सक्रिय रहते हैं। खाद दो से तीन महीने के अंदर तैयार हो जाती है। इसमें 2.5 से तीन प्रतिशत नाइट्रोजन, 1.5 से दो प्रतिशत सल्फर तथा 1.5 से दो प्रतिशत पोटाश पाया जाता है। पार्क में एक होद से चार क्विंटल खाद तैयार की जा रही है।