Eway Bill: देशभर में ई-वे बिल की समय सीमा बढ़ाई जाए
पहले ई-वे बिल की वैध अवधि प्रति 24 घंटे 100 किमी की थी जिसे अब बढ़ाकर 200 किमी कर दिया गया है। इतने कम अवधि में एक जगह से दूसरी जगह माल पहुंचाने में ट्रांसपोर्टरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ जा रहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर (Rajendra Kapoor, President of Delhi Goods Transport Organization) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लागू ई-वे बिल की वैध अवधि को बढ़ाने की मांग की है। उनके मुताबिक पहले ई-वे बिल की वैध अवधि प्रति 24 घंटे 100 किमी की थी, जिसे अब बढ़ाकर 200 किमी कर दिया गया है। इतने कम अवधि में एक जगह से दूसरी जगह माल पहुंचाने में ट्रांसपोर्टरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ जा रहा है, क्योंकि 24 घंटे के भीतर माल की लोडिंग फिर 200 किमी तक जाकर उससे उतारना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि जीएसटी के प्रावधानों में दुकानदार ने जैसे माल बेचा वैसे ई-वे बिल का पार्ट ए जारी करता है और जब माल गाड़ी में लदता है तब बिल का पार्ट-बी जारी हो जाता है। उसके मान्य की अवधि 200 किमी पर 24 घंटे किया गया है, जबकि इस दौरान गाड़ी से लदा माल ट्रांसपोर्टरों के गोदाम आता है। फिर ट्रकों पर लदकर आगे गंतव्य को रवाना होता है।
राजेंद्र कपूर ने कहा कि अभी जबकि दिल्ली-उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है दूसरे राज्यों के लिए माल की बुकिंग काफी कम है तो एक ट्रक के लिए औसतन 10 से 12 टन माल जुटाने में एक से दो दिन का वक्त लग जा रहा हैं। इसी तरह दिल्ली जैसे कई शहरों में दिन में व्यावसायिक वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित होता है। इस तरह के मामलों में 24 घंटे के भीतर 200 किमी तक का परिवहन व अनलोडिंग असंभव ही है। ऐसे में ईवे बिल को अवैध बताकर ट्रांसपोर्टरों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस मामले को लेकर ट्रांसपोर्टर जीएसटी विभाग के उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर अपनी समस्या रखेंगे।
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