दिल्ली में पहली बार ई-लोक अदालत का हुआ आयोजन, 5838 लंबित मामलों को सुलझाया गया
शनिवार को दिल्ली के सभी जिला न्यायालयों में पहली बार ई-लोक अदालत का आयोजन किया। इस दौरान कुल 5838 मामलों का निपटारा किया गया।
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। कोरोना महामारी के चलते सभी जिला न्यायालयों में लंबित मामलों की सुनवाई भी ऑनलाइन माध्यम से हुई। दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश धीरूभाई नारनभाई पटेल, न्यायमूर्ति हिमा कोहली के मार्गदर्शन में शनिवार को दिल्ली के सभी जिला न्यायालयों में पहली बार ई-लोक अदालत का आयोजन किया।
कुल 77 पीठों का किया गया था गठन
इस ई-लोक अदालत में विवादों को सुलझाने के लिए एसएएमए (जो कि विवादो को हल करने के लिए न्याय विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त एक ऑनलाइन विवाद समाधान करने का मंच देता है) के जरिए मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) विवादों से संबंधित मामले, नागरिक वसूली के मामले, विद्युत अधिनियम के मामलों को उठाया गया और उनका निपटारा किया गया। ई-लोक अदालत में, 77 पीठों का गठन किया गया, जिसमें दिल्ली के जिला न्यायालयों में लंबित प्रकृति के विभिन्न न्यायालयों से संबंधित कुल 5838 मामलों का निपटारा किया गया जिसमें हर्जाने के लगभग 46.28 करोड़ रुपये वसूले गए।
एमएसीटी के 612 मामले का हुआ निपटारा
वहीं, एमएसीटी के 612 मामलों का निपटारा किया गया था जिसमें हर्जाने के लगभग 36.69 करोड़ रुपये वसूले गए। वहीं, ई-लोक अदालत के बाद, डीएसएलएसए ने ऑनलाइन समारोह आयोजित किया जिसमें न्यायमूर्ति एन.वी.रमाना, मुख्य न्यायाधीश धीरूभाई नारनभाई पटेल, न्यायमूर्ति हिमा कोहली, डीएसएलएसए के विशेष सचिव गौतम मनन , डीएसएलएसए के सदस्य सेक्रेटरी कंवलजीत अरोड़ा और डीएसएलएसए की अपर सचिव नम्रिता अग्रवाल व अन्य लोग उपस्थित थे। इस मौके पर डीएसएलएसए के विशेष सचिव गौतम मनन ने बताया कि दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएसएलएसए) जल्द ही ई-लोक अदालत के जरिए ट्रैफिक चालान के मामलों का भी निपटारा करने का भी विचार कर रहा है।
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