इंसानियत का फर्ज : जिन्हें नहीं मिला अपनों का कांधा, युवा कांग्रेस उन्हें दिला रही मोक्ष
आइवाइसी ने मुहिम की शुरुआत निगम बोध घाट से की है। यहां से 500 लावारिश अस्थि कलश लेकर युवा कार्यकर्ताओं की टीम शुक्रवार को हरिद्वार पहुंची जहां पूरी रीति रिवाज के साथ उनका गंगा में विसर्जन किया गया।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से इतर भारतीय युवा कांग्रेस (आइवाइसी) सियासत के जरिये सेवा की मिसाल कायम कर रही है। कोरोना महामारी के बीच जहां संक्रमितों को अस्पतालों में बेड और आक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने से लेकर उनके लिए दवाएं एवं भोजन की व्यवस्था की। वहीं, अब कोरोना से काल का ग्रास बने लोगों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने की मुहिम चला रही है। मतलब जिन अभागे लोगों को अपनों को कांधा भी नसीब नहीं हुआ, युवा कांग्रेस उन्हें मोक्ष दिलाने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में दिल्ली के हजारों लोग दम तोड़ गए। जिन शवदाह गृहों में कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार किया गया, वहां बड़ी संख्या में लावारिश अस्थि कलश अभी भी विसर्जन के लिए किसी अपने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन बहुत से लोग संक्रमण के भय की वजह से जबकि बहुत से लोग आर्थिक कारणों से यह कलश लेने ही नहीं आए। ऐसी ही लावारिस अस्थियों का विसर्जन करने के लिए अब युवा कांग्रेस ने कदम बढ़ाए हैं।
आइवाइसी ने इस मुहिम की शुरुआत निगम बोध घाट से की है। यहां से 500 लावारिश अस्थि कलश लेकर युवा कार्यकर्ताओं की टीम शुक्रवार को हरिद्वार पहुंची, जहां पूरी रीति रिवाज के साथ उनका गंगा में विसर्जन किया गया। अगले चरण में युवा कांग्रेस की टीम दिल्ली के अन्य शवदाह गृहों से लावारिश अस्थि कलश उठाएगी और उनका भी गंगा में विसर्जन सुनिश्चित कराएगी। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, आइवाइसी अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने देश की सभी राज्य और प्रदेश इकाइयों से भी लापारिस अस्थियों का गंगा में विसर्जन करने का आहवान किया है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के गंभीर रूप लेते ही श्रीनिवास ने एसओएस-आइवाइसी नाम से एक ट्विटर हैंडल बनाया था और राष्ट्रीय स्तर पर करीब एक हजार युवाओं की टीम भी तैयार की थी। एक सौ युवा दिल्ली के लिए चुने गए। इस ट्विटर हैंडल पर देश के अलग अलग हिस्सों से हर रोज 12 से 15 हजार लोग मदद मांगते। किसी को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा था, किसी को आक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी, किसी को भोजन या राशन चाहिए था तो किसी को दवाओं की जरूरत थी। केंद्रीय नियंत्रण कक्ष में इन सभी ट्वीटों को छांटकर जिस राज्य का हो, वहां भेज दिया जाता था, जिस पर वहां की टीम काम करती थी। दिल्ली के लिए मुख्यालय से ही मदद की जाती रही।
इंसानियत का फर्ज निभा रहे
कोरोना महामारी ने बहुतों का बहुत कुछ छीन लिया। युवा कांग्रेस ने इंसानियत का फर्ज निभाते हुए ऐसे लोगों का दर्द कम करने का प्रयास किया। अभी भी यह प्रयास जारी है। जिनका जीवन नहीं बचाया जा सका, कम से कम उनकी अस्थियों का विसर्जन तो सम्मान के साथ हो पाए, यही कोशिश है।
श्रीनिवास बीवी, अध्यक्ष, आइवाइसी