DU: उच्च शिक्षा आयोग के संबंध में डीयू ने मांगे सुझाव, डूटा ने जताई आपत्ति
डूटा अध्यक्ष राजिब रे ने कार्यवाहक कुलपति को पत्र लिखकर शिक्षकों को और अधिक समय दिए जाने की मांग की है। पत्र में लिखा है कि कार्यवाहक कुलपति कार्यालय ने 23 मार्च को प्राचार्यों विभागाध्यक्षों को सुझाव की बाबत कहा था। दो दिन बाद शिक्षकों को इसकी सूचना दी गई।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा आयोग के गठन का प्रस्ताव है। दिल्ली विश्वविद्यालय आयोग के गठन की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने डीयू को विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। जिस पर अमल करते हुए डीयू प्रशासन ने शिक्षकों से सुझाव मांगे थे। दिल्ली विवि शिक्षक संघ (डूटा) ने सुझाव देने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने पर आपत्ति जताई है।
डूटा अध्यक्ष राजिब रे ने कार्यवाहक कुलपति को पत्र लिखकर शिक्षकों को और अधिक समय दिए जाने की मांग की है। पत्र में लिखा है कि कार्यवाहक कुलपति कार्यालय ने 23 मार्च को प्राचार्यों, विभागाध्यक्षों को सुझाव की बाबत कहा था। दो दिन बाद शिक्षकों को इसकी सूचना दी गई। इस समय कॉलेज, विभाग ओपन बुक परीक्षा में व्यस्त है। होली की भी छुट्टियां पड़ी। चूंकि उच्च शिक्षा आयोग से शिक्षा व्यवस्था में काफी अहम बदलाव होंगे। इसलिए जरूरी है कि शिक्षकों को सुझाव देने के लिए समय मिले। डूटा अध्यक्ष राजिब रे ने कहा कि 2018 में इसी तरह की एक और कोशिश की गई थी। लेकिन तब शिक्षकों के देशव्यापी विरोध के चलते सरकार को आयोग गठन से कदम वापस खींचने पड़े थे।
गौरतलब है कि डीयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी ने सभी कॉलेजों, विभागों को लिखे पत्र में कहा था कि डीयू से बड़ी संख्या में कालेज जुड़े हैं। फैकल्टी की संख्या भी अधिक है। आयोग के गठन में डीयू का अनुभव काम आ सकता है। यही सोचकर केंद्रीय मंत्रालय ने डीयू से सुझाव मांगा है। पत्र में कालेजों, विभागों से गुजारिश की गई थी कि वो ऑनलाइन, ऑफलाइन बैठक आयोजित करें। 30 मार्च तक अपने सुझाव इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ लांग लर्निंग के निदेशक को ईमेल कर दें। इन सुझावों पर चर्चा के लिए अहम बैठक एक अप्रैल को उत्तरी परिसर में होगी।