फंड मसले पर डूटा ने की उपराज्पाल से हस्तक्षेप की गुजारिश
दिल्ली सरकार द्वारा फंड के स्रोत उपयोगिता आदि की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित की गई है।जिस पर डूटा हमलावर है। डूटा ने फंड मसले पर उपराज्यपाल से हस्तक्षेप की गुजारिश की है। उपराज्यपाल को डूटा द्वारा शुरू किए गए आनलाइन याचिका के बारे में भी बताया गया।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कालेजों में फंड रोके जाने का मसला गरमाता ही जा रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा फंड के स्रोत, उपयोगिता आदि की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी गठित होने के बाद अब दिल्ली विवि शिक्षक संघ (डूटा) हमलावर है। डूटा ने फंड मसले पर उपराज्यपाल से हस्तक्षेप की गुजारिश की है। उपराज्यपाल को डूटा द्वारा शुरू किए गए आनलाइन याचिका के बारे में भी बताया गया। अब तक छह हजार से अधिक शिक्षक आनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।
दो सालों से वेतन के लिए जारी है संघर्ष
डूटा अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी ने कहा कि अब इस समस्या के स्थाई समाधान से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा। कोरोना महामारी के दौर में भी शिक्षकों ने पढ़ाई बाधित नहीं होने दी। निरंतन आनलाइन कक्षाएं संचालित की। लेकिन, बदले में शिक्षकों को क्या मिला। 12 कालेजों में शिक्षक विगत दो सालों से अपने वेतन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दो से छह माह के विलंब से वेतन मिल रहा है।
लाभ से वंचित
यही नहीं शिक्षकों, कर्मचारियों को मिलने वाले मेडिकल बिलों का भुगतान, सातवें वेतन आयोग व पदोन्निति के बाद मिलने वाला आर्थिक लाभ से भी वंचित रखा जा रहा है। प्रो.भागी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में दिल्ली सरकार द्वारा अतार्किक अनुदान कटौती और आवश्यक अनुदान प्रदान न किए जाने के परिणामस्वरूप विभिन्न कालेजों को 4 से 34 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है और इसलिए वेतन और अन्य भत्ते अभी तक नहीं मिल पा रहे हैं। अनुदान में कटौती से अब इन कॉलेजों के दैनादिन सामान्य रखरखाव और विकास संबंधित परियोजनाएं भी प्रभावित हो है जिसका सीधा असर यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों के भविष्य पर होगा।