प्रदूषण को रोकने के लिए डीयू का सुझाव, किताबों में पढ़ाई जाएं प्रदूषण से होने वाली बीमारियां
इसी बीच दिल्ली विश्वविद्यालय ने वायु प्रदूषण के मद्देनजर एक दिशानिर्देश जारी किया है। डीयू ने सुझाव दिया है कि किताबों में वायु प्रदूषण पढ़ाते समय इससे होने वाली बीमारियों को भी पढ़ाया जाए। डीयू ने एथेरोस्क्लोरोटिक का उदाहरण भी दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली की आबोहवा लगातार बिगड़ती जा रही है। वायु प्रदूषण अब चिंता का सबब बन चुका है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एनसीवेब में दिल्ली की छात्राओं को ही दाखिला दिया जाता है। दाखिला समिति के सदस्यों ने बताया कि छात्र 12वीं कहीं से पढ़ी हो सकती है, लेकिन रिहायशी पता दिल्ली का होना जरूरी है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्लीवासियों से सहयोग मांगा है। इसी बीच दिल्ली विश्वविद्यालय ने वायु प्रदूषण के मद्देनजर एक दिशानिर्देश जारी किया है। डीयू ने सुझाव दिया है कि किताबों में वायु प्रदूषण पढ़ाते समय इससे होने वाली बीमारियों को भी पढ़ाया जाए। डीयू ने एथेरोस्क्लोरोटिक का उदाहरण भी दिया है। लोगों से ऐसी जगहों पर वाक एवं अभ्यास ना करने को कहा है, जहां वायु प्रदूषण ज्यादा है। बढ़ते वायु प्रदूषण पर दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा, शहरी इलाके में दस में से नौ व्यक्ति वायु प्रदूषण से हैं प्रभावित।
डीयू की मानें तो शहरों में रहने वाले दस में से नौ लोग वायु प्रदूषण से प्रभावित हैं। वायु प्रदूषण का एक से दूसरे व्यक्ति के स्वास्थ्य पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। श्वास संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर इसका बुरा असर पड़ता है।
डाक्टर से सलाह लें
- ए-95 मास्क प्रयोग की सलाह
- सांस लेने में दिक्कत होने पर चिकित्सकीय सलाह लेने के निर्देश
- जहां तक संभव हो सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें
- खाना बनाने के लिए बिजली के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए
कई पाठ्यक्रमों में सीटें भरी
कालिंदी कालेज की प्राचार्या डा. नैना हसीजा ने बताया कि बीकाम में सर्वाधिक छात्रओं ने आवेदन किया है। सीटें भर जाने के कारण राजनीति विज्ञान, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर साइंस, गणित समेत बीए प्रोग्राम के चार पाठ्यक्रमों में दाखिले बंद हो चुके हैं। राजधानी कालेज में भी बीए प्रोग्राम (हंिदूी और इतिहास) में सीटों से अधिक दाखिले हुए हैं। बीए प्रोग्राम (अर्थशास्त्र और हिंदू ) की 21 सीटों पर 21 दाखिले हो चुके हैं। तीसरे कटआफ में इन पाठ्यक्रमों में दाखिले बंद हो सकते हैं। हालांकि कुछ छात्र अभी दाखिले वापस भी लेंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय में नान कालेजिएट वुमेन एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) में दाखिले को लेकर छात्राओं की उलझनों को सुलझाने के लिए बुधवार को वेबिनार का आयोजन किया गया। दाखिला समिति के सदस्यों ने छात्रओं के सवालों का जवाब दिया। इस दौरान बताया गया कि अगर किसी छात्र ने एक बार किसी कालेज में दाखिला ले लिया तो बाद में किसी अन्य कालेज में दाखिला नहीं ले पाएगी।
दाखिला समिति के सदस्य प्रो. सुमन कुमार ने कहा कि पहले कटआफ में छात्र किसी कालेज में दाखिला ले लेती है तो फिर वो किसी अन्य कटआफ में भी इसे बदल नहीं सकती। अगर किसी कटआफ में छात्र का दाखिला कालेज की तरफ से नामंजूर किया जाता है तो वो अगले कटआफ में आवेदन कर सकती है। आनलाइन कार्यक्रम में छात्रओं को निर्देश दिया गया कि वो दाखिला पोर्टल पर रिमार्क्स कालम जरूर देखें। क्योंकि दाखिला प्रक्रिया में कोई दस्तावेज कम हैं या फिर दाखिला नामंजूर होता है तो कालेज रिमार्क्स कालम में बताएंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय में दूसरे कटआफ के तहत आवेदन का बुधवार को अंतिम दिन था। हालांकि छात्रों के पास शुल्क जमा करने के लिए अभी दो दिन का समय और है। दाखिला समिति की प्रो. पिंकी शर्मा ने बताया कि पहले व दूसरे कटआफ को मिलाकर अब तक कुल 1 लाख 15 हजार 490 छात्रों ने आवेदन किया। पहले कटआफ में 37, 807 जबकि दूसरे कटआफ में 13, 552 छात्र दाखिला ले चुके हैं। इनमें से करीब सात हजार छात्रों ने कालेज व पाठ्यक्रम भी बदला। दोनों कटआफ को मिलाकर 43, 556 छात्र दाखिला ले चुके हैं।
डीयू प्रशासन ने बताया कि गुरुवार शाम पांच बजे तक प्राचार्य आवेदन मंजूर करेंगे। जबकि शुक्रवार शाम पांच बजे तक शुल्क जमा किया जा सकेगा। डीयू की तरफ से तीसरा कटआफ शनिवार को जारी किया जाएगा। तीसरे कटआफ के तहत आवेदन के लिए छात्रों को चार दिन का समय मिलेगा। छात्र सोमवार से लेकर गुरुवार तक आवेदन कर सकेंगे। जबकि 22 अक्टूबर शाम पांच बजे तक प्राचार्य आवेदन मंजूर करेंगे और 23 अक्टूबर तक शुल्क जमा किया जा सकेगा।