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असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का पैमाना बदलेगा डीयू, स्क्रीनिंग और छंटनी के लिए दिशानिर्देश किए गए तैयार

कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य राजेश झा ने बताया कि पहले डीयू में स्नातक में 60 फीसद नंबर पैमाना था जो बढ़ जाएगा। डीयू में कई तदर्थ शिक्षक आठ से दस सालों से पढ़ा रहे हैं। उस समय स्नातक में इतने नंबर नहीं दिए जाते थे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 07:16 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 08:42 PM (IST)
असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का पैमाना बदलेगा डीयू, स्क्रीनिंग और छंटनी के लिए दिशानिर्देश किए गए तैयार
शिक्षक संगठनों ने जताई नाराजगी, कहा-तदर्थ शिक्षक होंगे प्रभावित

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेजों और विभागों में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति का पैमाना बदला जाएगा। डीयू ने इसके लिए विस्तृत दिशानिर्देश तैयार किए हैं, जिसे शुक्रवार को होने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक में पेश किया जाएगा। बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद आगामी शैक्षणिक सत्र से नया नियम लागू हो जाएगा। नए नियम के मुताबिक स्नातक में 80 फीसद से अधिक नंबर प्राप्त करने वालों को अहमियत दी जाएगी। अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग की प्रक्रिया कुल 100 नंबरों की होगी। हालांकि शिक्षक संगठन अकेडमिक फार एक्शन एंड डेवलपमेंट (एएडी) ने इस पर आपत्ति जताते हुए तदर्थ शिक्षकों के प्रभावित हाेने की बात कही है। विश्वविद्यालय के विभाग एवं कालेज के लिए अलग अलग दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं।

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डीयू पदाधिकारी ने विवि के विभाग में नियुक्ति के लिए गठित होने वाली स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष डीन होंगे। जबकि कालेज कमेटी का अध्यक्ष प्राचार्य होंगे। विभागों के लिए पहले राउंड में कम से कम 15 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाना होगा। स्नातक में 50 फीसद से कम अंक वालों को शार्टलिस्ट नहीं किया जाएगा। कालेजों में पहले पहल इंटरव्यू के लिए कम से कम 40 अभ्यर्थियों को बुलाना होगा।

विभाग के लिए अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए शार्ट लिस्ट करने का पैमाना

स्नातक--80 फीसद से अधिक नंबर पर 15 अंक---60 से 80 फीसद नंबर पर 13 अंक---55 से 60 फीसद पर 10 अंक--45 से 55 फीसद अंक पर 5 अंक

स्नातकोत्तर--80 फीसद से अधिक नंबर पर 25 अंक-60 से 80 फीसद नंबर पर 23 अंक--55 फीसद तक(आरक्षित श्रेणी के लिए 50 फीसद) पर 20 नंबर

एमफिल---60 फीसद से अधिक पर 7 नंबर

पीएचडी---30 नंबर

जेआरएफ के साथ नेट---7

रिसर्च पब्लिकेशन---10

नेट---5

शैक्षणिक अनुभव--10

अंतरराष्ट्रीय अवार्ड--3

राज्य स्तरीय अवार्ड---2

विभाग के लिए अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए शार्ट लिस्ट करने का पैमाना

स्नातक--80 फीसद से अधिक नंबर पर 21 अंक---60 से 80 फीसद नंबर पर 19 अंक---55 से 60 फीसद पर 16 अंक--45 से 55 फीसद अंक पर 10 अंक

स्नातकोत्तर--80 फीसद से अधिक नंबर पर 25 अंक-60 से 80 फीसद नंबर पर 23 अंक--55 फीसद तक(आरक्षित श्रेणी के लिए 50 फीसद) पर 20 नंबर

एमफिल---60 फीसद से अधिक पर 7 नंबर

पीएचडी---25 नंबर

जेआरएफ के साथ नेट---10

रिसर्च पब्लिकेशन---6

नेट---8

शैक्षणिक अनुभव--10

अंतरराष्ट्रीय अवार्ड--3

राज्य स्तरीय अवार्ड---2

एएडी की आपत्ति

कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य राजेश झा ने बताया कि पहले डीयू में स्नातक में 60 फीसद नंबर पैमाना था जो बढ़ जाएगा। डीयू में कई तदर्थ शिक्षक आठ से दस सालों से पढ़ा रहे हैं। उस समय स्नातक में इतने नंबर नहीं दिए जाते थे। कई आरक्षित वर्ग के शिक्षक तो 50 फीसद तक नंबर प्राप्त करने वाले हैं। शिक्षकों को पढ़ाने के अनुभव को प्रतिवर्ष सिर्फ 2 नंबर मिलेंगे। तदर्थ शिक्षकों को नियुक्ति में वरीयता देनी चाहिए लेकिन नए नियमों से ऐसा होता दिख नहीं रहा है।


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