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अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत के बाद तनाव में थे डीयू के छात्र, करानी पड़ी काउंसलिंग

डीयू की रिपोर्ट में अभिनेता की मौत के बाद न्यूज चैनलों पर लगातार सुशांत की खबरें दिखाए जाने की वजह से छात्रों के तनाव में होने की बात कही गई है। छात्रों ने कहा कि इस तरह की खबरों से तनाव महसूस कर रहे हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 07:05 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 09:43 AM (IST)
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत के बाद तनाव में थे डीयू के छात्र, करानी पड़ी काउंसलिंग
दिवंगत बालीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की फाइल फोटो

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। जून 2020 में बालीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप समेत न्यूज चैनलों पर अभिनेता के मौत की खबर महीनों तक सुर्खियों में बनी रहीं। लेकिन इन खबरों की वजह से दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कई छात्र इस कदर तनाव में आ गए कि उन्हें काउंसलिंग करानी पड़ गई। कई छात्रों की काउंसलिंग खुद डीयू ने कराई। यह बात डीयू द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में सामने आयी है।

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डीयू की रिपोर्ट में अभिनेता की मौत के बाद न्यूज चैनलों पर लगातार सुशांत की खबरें दिखाए जाने की वजह से छात्रों के तनाव में होने की बात कही गई है।

मानसिक काउंसलिंग की व्यवस्था

रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में डीयू ने पांच सदस्यीय विशेषज्ञों का एक पैनल गठित किया था। जिसे छात्रों की काउंसलिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। छात्र फोन, वाट्सएप के जरिए विशेषज्ञों से संपर्क करते एवं उन्हें सलाह, मशविरा लेते।

तनाव में थे छात्र

रिपोर्ट में कहा गया है कि लाकडाउन के बाद बड़ी संख्या में छात्र गांव चले गए। लेकिन ऐसे छात्रों की संख्या भी कम नहीं थी जो पीजी में रह गए। कई छात्र तो पीजी में भी अकेले ही थे। कोरोना काल में अभिनेता की मौत की खबर आयी। जिसके बाद लगभग हर न्यूज चैनल पर मौत की खबर अगामी तीन महीने तक सुर्खियों में बनी रही। यही नहीं फेसबुक, ट्विटर पर भी हर तरफ इसी की चर्चा हो रही थी। इसी दरम्यान कई छात्रों ने डीयू मेंटल काउंसलिंग विशेषज्ञों की मदद ली। छात्रों ने कहा कि पहले से अकेले हैं, उपर से इस तरह की खबरों से तनाव महसूस कर रहे हैं। कई छात्र तो काफी परेशान थे।

संजीदगी से की गई काउंसलिंग

डीयू सूत्रों ने बताया कि इन छात्रों को बड़ी संजीदगी से संभाला गया। इन्हे असाइनमेंट दिया गया, रिश्तेदारों से बात करने की सलाह दी गई। एक मामले में छात्र बहुत परेशान था। उसे कहा गया कि वो ऐसे रिश्तेदारों की लिस्ट बनाए, जिनसे विगत कई महीनों से बात ही नहीं हुई हो और उन सबको फोन करे। इसके पीछे लाजिक यही था कि छात्र जितना ज्यादा लोगों से बात करेगा तनाव उतना ही कम होगा। जबकि एक अन्य मामले में छात्र के पूरे दिन का शेड्यूल बनाया गया। ताकि वेा दिन भर व्यस्त रह सके।

शादी का दबाव

बिहार और राजस्थान के दो छात्रों ने परिजनों द्वारा लगातार शादी का दबाव डालने की बात कही। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि दोनों छात्र गांव में रहते हैं। ये छात्र स्मार्टफोन के जरिए आनलाइन कक्षाओं में शामिल होते थे। परिजन इस बात से नाराज थे कि छात्र दिनभर मोबाइल से चिपके रहते हैं। इसलिए वो शादी का दबाव बनाने लगे। काउंसलिंग के दौरान छात्रों को डीयू छात्रावास में आकर रहने की सलाह दी गई।

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