परीक्षा प्रणाली में अटका छात्रों का उज्ज्वल भविष्य, कठिनाइयों में ढूंढ रहे नई राह
तकनीकी खामी की वजह से छात्रों को परीक्षा देने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। ऐसे में कुछ छात्रों ने आनलाइन परीक्षा से किनारा कर लिया तो कालेजों ने भी छात्रों को परीक्षा का विकल्प चुनने की इजाजत दे दी।
नई दिल्ली, जेएनएन। विपरीत परिस्थितियों में या कहें चुनौती के वक्त ही तो किसी नई चीज का जन्म होता है या कोई आविष्कार होता है। कोरोना महामारी के इस काल में शैक्षिक जगत को भी आनलाइन शिक्षा का एक प्लेटफार्म मिला। अब महामारी लंबी चली तो परीक्षा भी आनलाइन कराई जा रही हैं। सही बात है होनी भी चाहिए। लेकिन यहां सवाल छात्रों के भविष्य का भी है। यह सर्वविदित है कि जैसी शिक्षा आप क्लास रूम में शिक्षक और अन्य छात्रों के बीच बैठकर ग्रहण कर सकते हैं वो तकनीक के जरिये मिले इस आनलाइन प्लेटफार्म पर उस तरह संभव नहीं है। फिर भी छात्र कुछ तो हासिल कर ही रहे हैं, उसी की परीक्षा होनी है।
अब ऐसे में यदि आनलाइन परीक्षा लेने की प्रणाली कमजोर कड़ी बनेगी तो छात्रों के लिए और तनावपूर्ण स्थितियां बनेंगी, बन रही हैं। तकरीबन नौ-दस माह का समय बीत गया अब तक तो आनलाइन परीक्षा के लिए एक मजबूत प्रणाली खड़ी कर लेनी चाहिए थी, खासकर बड़े विश्वविद्यालयों को तो इसके लिए मिसाल बन जाना चाहिए था। लेकिन दिल्ली विवि आज भी तकनीक के गणित में उलझा है। ऐसे में कम हुई पढ़ाई की सही तरीके से परीक्षा नहीं हो पाना तो और बड़ी विडंबना है। परीक्षा लेने की प्रणाली कैसे विकसित की जाए इसकी पड़ताल करना आज का मुद्दा है
विवि के समक्ष चुनौतियां दिल्ली विश्वविद्यालय
- अगस्त में आयोजित ओपन बुक परीक्षा के दौरान छात्र वेबसाइट क्रैश से जूझते रहे
- छात्रों ने डर के चलते एक ही उत्तर पुस्तिका तीन- तीन जगह भेजी
- उत्तर पुस्तिका का पीडीएफ बनाने में छात्रों कोदिक्कतों का करना पड़ा सामना
- परीक्षा में खामियों के चलते शुरुआती पांच दिनों में ही बड़ी संख्या में छात्रों ने छोड़ दी परीक्षा
- दूसरे ओबीई में इंटरनेट की सुस्त रफ्तार और छात्रों के पास लैपटाप
ओबीई के बदलते रहे दिशा निर्देश
- पहला ओबीई 10-31 अगस्त नियमित, एसओएल, एनसीवेब के छात्रों को उनके पंजीकृत ईमेल पर पेपर डाउनलोड करने का लिंक भेजा गया
- परीक्षा संबंधी दिक्कतें नोडल अफसर को बताने के निर्देश
- पोर्टल पर उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ कापी अपलोड करने में विफल छात्रों को दिया गया ईमेल का विकल्प
- जिन छात्रों को पोर्टल पर उत्तर पुस्तिका अपलोड करने में दिक्कत आ रही थी उन्हें केंद्रीय ईमेल उत्तर पुस्तिका भेजने के निर्देश दिए गए दूसरा ओबीई, 14 सितंबर
- परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश से पहले छात्रों द्वारा स्वघोषित फार्म भरकर जमा कराने होंगे
- तापमान जांचने के बाद ही छात्रों को केंद्र में प्रवेश की अनुमति
मिड-टर्म परीक्षा से वंचित जेएनयू छात्र
- अंबेडकर विश्वविद्यालय जामिया में घमासान जेएनयू ने आनलाइन मिड टर्म परीक्षाएं आयोजित की, लेकिन दूर दराज रहने वाले छात्रों की परीक्षाएं छूट गई
- छात्रों को परीक्षा फार्म भरने की तिथि का भी नहीं चला पता
- 87 फीसद शोधार्थियों ने भविष्य को लेकर चिंतित होने की बात स्वीकारी थी जेएनयू के तीन शोधार्थियों द्वारा किए गए सर्वे में
- 530 शोधार्थियों ने भाग लिया सर्वे में
- 58.1 फीसद जेएनयू की छात्राएं एवं 41.5 फीसद छात्र हुए शामिल
- फील्ड वर्क, घर की माली हालत भी चिंता के कारणों में है शामिल
- जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने एक जुलाई से अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की आनलाइन परीक्षा आयोजित की
- विभागों को आंतरिक मूल्यांकन, असाइनमेंट के आधार पर छात्रों का मूल्यांकन करने दिया गया
- दिसंबर में जामिया द्वारा जारी प्रोक्टेड परीक्षा संबंधी दिशानिर्देशों का छात्रों ने विरोध किया
- दूर दराज इलाकों में रहने वाले छात्र के समक्ष इंटरनेट सुविधा नहीं होने का हवाला दिया
- कोरोना काल में आर्थिक, तकनीकी समस्याओं से जूझ रहे हैं छात्र, ऐसे में तीन घंटे ऑनलाइन प्रोक्टेड परीक्षा है मुश्किल
- विरोध के चलते जामिया को परीक्षा स्थगित करनी पड़ी
कठिनाइयों में ढूंढ रहे नई राह : कुछ भी नया शुरू करने में परेशानी आती ही है। कोरोना काल में शिक्षा के क्षेत्र में भी ऐसा ही कुछ हो रहा है। कुछ कालेजों को छोड़ दें तो ज्यादातर कालेजों को आनलाइन पढ़ाई और परीक्षा का कोई अनुभव नहीं था। लेकिन छात्रों का भविष्य खराब न हो और उन्हें आगे की कक्षा में भेजा जा सके इसके लिए आनलाइन शिक्षा और परीक्षा का विकल्प दिया गया। कितने कालेजों में ओबीई को तरजीह दी गई, कितने छात्र हुए शामिल, कैसी है ओबीई को लेकर कालेजों की तैयारी जानेंगे आंकड़ों से:
फरीदाबाद: 45 मिनट की परीक्षा
- पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय कालेज
- आनलाइन परीक्षार्थियों की संख्या : 250
- राजकीय महिला महाविद्यालय सेक्टर-16ए
- आनलाइन परीक्षार्थियों की संख्या : 74
- जेसी बोस यूनिर्विसटी
- आनलाइन परीक्षार्थियों की संख्या : 1200
- मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ रिसर्च एंड स्टडीज
- आनलाइन परीक्षार्थियों की संख्या : 3000
दिल्ली विवि जिन्होंने कराई आनलाइन परीक्षाएं
दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) : मई-जून में अंतिम वर्ष के छात्रों की कराई थी आनलाइन परीक्षाएं।
नोएडा में गूगल फार्म बना मददगार
- शारदा विवि: 8500 में से 7200 छात्रों ने दी परीक्षा
- उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन: गूगल फार्म के जरिये आनलाइन आंतरिक परीक्षा
- जेएसएस कालेज : गूगल फार्म के जरिये परीक्षा
- एमिटी विश्वविद्यालय : गूगल फार्म से आनलाइन परीक्षा
- जयपुरिया कालेज : आनलाइन आंतरिक परीक्षा
- जेपी इंस्टीट्यूट : आनलाइन आंतरिक परीक्षा
- 10 हजार विद्यार्थी निजी कालेजों में आफलाइन परीक्षा में शामिल हुए
- 12 हजार छात्र शामिल होंगे आनलाइन आंतरिक परीक्षा में
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