डीयू का छात्रों को फरमान, क्लास में प्रमोशन चाहिए तो लिखो 5 हजार शब्द
विधि संकाय ने 20 अगस्त को एक नोटिस जारी किया जो छात्रों के विभिन्न वाट्सएप ग्रुप में अगले दिन यानि शुक्रवार को साझा किया गया।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्रा]। डीयू, विधि संकाय के एक नोटिस ने छात्रों की परेशानी बढ़ा दी है। बृहस्पतिवार को जारी नोटिस में विवि संकाय ने कहा कि यदि प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्र अगली कक्षाओं में जाना चाहते हैं तो उन्हें लेख लिखना होगा। प्रत्येक पाठ्यक्रम पर एक-एक हजार शब्द का लेख। यानी पांच पाठ्यक्रम पर पांच हजार शब्द के पांच लेख। वो भी पांच दिनों के अंदर सौंपना है।
विधि संकाय के इस नोटिस का विरोध भी शुरू हो गया है। एनएसयूआइ का कहना है कि जब इस पर कोई अंक नहीं मिलेगा तो फिर लिखवाया ही क्यों जा रहा है।
क्या है नोटिस में
विधि संकाय ने 20 अगस्त को एक नोटिस जारी किया जो छात्रों के विभिन्न वाट्सएप ग्रुप में अगले दिन यानि शुक्रवार को साझा किया गया। विधि के प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को पांच पाठ्यक्रमों पर पांच लेख लिखने को कहा गया है। विषय छात्रों की पसंद के होंगे। 27 तारीख की दोपहर 12 बजे के पहले लेख लिखकर सबमिट करना है। विषय के संदर्भ में किसी भी तरह का संदेह होने पर संकाय के गूगल क्लासरूम में शामिल होने को कहा गया है। इसे डीयू को सौंपने के बाद छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रमोशन दिया जाएगा।
छात्रों ने किया नोटिस का विरोध
एनएसयूआई के पदाधिकारी वैभव यादव ने कहा कि यह उचित नहीं है। 22 तारीख से 27 तारीख तक भले ही छह दिन है लेकिन 27 को तो सिर्फ जमा करना होगा।ऐसे में पांच दिन में पांच हजार शब्द कैसे लिखेंगे छात्र। कोरोना काल में छात्र लाइब्रेरी का भी उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। सभी कक्षाएं आनलाइन आयोजित हो रही है, ऐसे में इंटरनेट पैक भी खत्म हो जाता है। भला, इन परिस्थितियों में इस तरह के असाइनमेंट देने की जरूरत ही क्या है। वो भी तब जब इस पर अंक भी नहीं मिलेंगे। नोटिस में साफ लिखा है की असाइनमेंट के आधार पर कोई अंक नहीं मिलेंगे और समय आने पर इन विषयों की आफलाइन परीक्षा भी छात्रों को देनी पड़ेगी।
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