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परीक्षा समाप्ति के महज 28 दिनों के अंदर अंतिम वर्ष का परीक्षा परिणाम जारी कर डीयू ने रचा इतिहास

कोरोना काल में दिल्ली विश्वविद्यालय के खाते में एक नायाब उपलब्धि जुड़ गई है। डीयू ने परीक्षा समाप्ति के महज 28 दिनों के अंदर अंतिम वर्ष के सभी पाठ्यक्रमों का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया है। ऐसा डीयू के इतिहास में पहली बार हुआ है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 06:12 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 06:12 PM (IST)
परीक्षा समाप्ति के महज 28 दिनों के अंदर अंतिम वर्ष का परीक्षा परिणाम जारी कर डीयू ने रचा इतिहास
डीयू के इतिहास में पहली बार इतने कम समय में जारी हुए परिणाम।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता।

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कोरोना काल में दिल्ली विश्वविद्यालय के खाते में एक नायाब उपलब्धि जुड़ गई है। डीयू ने परीक्षा समाप्ति के महज 28 दिनों के अंदर अंतिम वर्ष के सभी पाठ्यक्रमों का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया है। ऐसा डीयू के इतिहास में पहली बार हुआ है। डीयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी ने परीक्षा विभाग के डीन प्रो डीएस रावत समेत अन्य पदाधिकारियों से मुलाकाल कर बधाई दी।

डीयू प्रशासन ने बताया कि सात जून को ओपन बुक परीक्षाएं शुरू हुई थी। 72 हजार छात्र परीक्षा में बैठे। परीक्षा परिणाम जल्द जारी करने के लिए डीयू ने इस बार पूरी परीक्षा प्रणाली में चार अहम बदलाव किए थे। परीक्षा विभाग डीन प्रो डीएस रावत ने बताया कि कापियां असाइन करने के लिए हमारे पास शिक्षकों का एक डेटा मौजूद होता है। जिसमें कुछ खामियां थी। दरअसल, परीक्षा से पहले हम प्रत्येक कालेज से उनके यहां पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम एवं संबंधित शिक्षक की जानकारी मांगते हैं।

ताकि परीक्षा के बाद कापियां संबंधित शिक्षक को असाइन की जा सके। कई बार ऐसा होता था कि कापियां असाइन करने के बाद जांची नहीं जाती तो हम कारण पूछते। पता चलता कि शिक्षक को तो कापियां असाइन ही नहीं हो पायी है। इसके पीछे ईमेल आइडी गलत होना भी वजह था। इस बार डीयू ने तय किया कि कालेज जो भी डेटा तैयार करेंगे वो पहले संबंधित शिक्षक से ही सत्यापित कराएंगे। इससे गलती की गुजांइश खत्म हो गई।

कांपी जांचने की प्रक्रिया में सुधार

बकौल रावत दूसरा अहम बदलाव कापीं जांचने की प्रक्रिया में किया गया। 7 जून से अंतिम वर्ष के छात्रों की ओपन बुक परीक्षाएं शुरू हुई थी। डीयू में चलन था कि परीक्षा समाप्त होने के बाद कापियां जांचने का काम शुरू होता था। लेकिन पहली बार तीन दिन बाद यानी 10 जून से ही कापियां जांचनी शुरू कर दी गई थी। डीयू ने इस बार शिक्षकों को प्रोत्साहन सर्टिफिकेट दिया। तय समय में कापी जांचने वाले शिक्षक को सर्टिफिकेट दिया गया। इसका सकारात्मक असर दिखा। साथ ही चौथा व अहम बदलाव एक कमेटी के गठन के रूप में किया गया।

परीक्षा विभाग ने एक 14 सदस्यीय कमेटी गठित की थी जो निगरानी करती थी कि किस पाठ्यक्रम की कापियां असाइन करने के बाद भी नहीं जांची गई। सदस्य संबंधित शिक्षक से बात करते एवं यदि जरुरत होती तो किसी और को असाइन किया जाता। डीयू ने 15 अगस्त डेडलाइन तय की थी। लेकिन इसके पहले ही सभी परीक्षा परिणाम जारी कर दिए गए। सनद रहे कि गत वर्ष परीक्षा परिणाम जल्द जारी करने की मांग को लेकर छात्रों ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था।


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