DU Admission 2022: डीयू में बदलने जा रहा एडमिशन का नियम, अगले साल से इस तरह मिलेगा दाखिला
DU Admission 2022 अगले साल से डीयू केंद्रीय विश्वविद्यालय सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूसेट) के तहत दाखिले देगा। इसे लागू करने की कवायद भी शुरू हो गई है। 10 दिसंबर को होने वाली अकादमिक परिषद (एसी) की बैठक में सीयूसेट पर चर्चा होगी।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय में अगले साल से दाखिले का स्वरूप बदल सकता है। अगले साल से डीयू केंद्रीय विश्वविद्यालय सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूसेट) के तहत दाखिले देगा। इसे लागू करने की कवायद भी शुरू हो गई है। 10 दिसंबर को होने वाली अकादमिक परिषद (एसी) की बैठक में सीयूसेट पर चर्चा होगी। डीयू में सीयूसेट लागू करने के लिए अकादमिक और कार्यकारी परिषद की अनुमति अनिवार्य है।
डीयू प्रशासन ने बताया कि हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अगामी शैक्षणिक सत्र यानी 2022-23 से सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एक सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। सभी स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूसेट) आयोजित की जाएगी। दिल्ली विवि भी सीयूसेट को लागू करेगा। ऐसे में अकादमिक परिषद की बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा होगी।
कोरोना संक्रमण के चलते फैसले में हुई देरी
पिछले साल ही सीयूसेट से दाखिले होने थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे लागू नहीं किया जा सका था। डीयू ने सीयूसेट के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिए एक कमेटी भी गठित की थी। कमेटी की रिपोर्ट, यूजीसी के वर्तमान सकरुलर समेत विवि में इसे लागू करने पर चर्चा होगी।
शिक्षकों को आपत्ति
पूर्व कार्यकारी परिषद के सदस्य राजेश झा कहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत है, लेकिन कोई भी सुधार करने से पहले उस पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। सीयूसेट से कोचिंग कल्चर को बढ़ावा मिलेगा। जिन छात्रों के पास पैसा होगा, वो तो कोचिंग कर लेंगे, लेकिन जिनके पास नहीं हैं, उनका क्या होगा? इस फैसले से स्ट्रीम चेंज करने वाले छात्रों को दिक्कत होगी।
मान लीजिए, यदि किसी छात्र ने 12वीं में विज्ञान पढ़ा है, वह दाखिला कामर्स या मानविकी में लेना चाहता है तो उसे प्रवेश परीक्षा के दौरान दिक्कत हो सकती है। हालांकि डीयू कुलसचिव डा. विकास गुप्ता कहते हैं कि इससे छात्रों के लिए अवसर बढ़ेंगे। दाखिले की प्रक्रिया आसान होगी।
बता दें कि डीयू कार्यवाहक कुलपति प्रो. पीसी जोशी ने 50 प्रतिशत सीयूसेट और 50 प्रतिशत बारहवीं के अंकों को आधार बनाकर डीयू में दाखिले देने की वकालत की थी। इसके लिए बकायदा, यूजीसी को रिपोर्ट भी सौंपी गई थी।