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Gurdwara Darbar Sahib Kartarpur: News Nation. करतारपुर साहिब मसले पर DSGMC की केंद्र से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की मांग

Gurdwara Darbar Sahib Kartarpur डीएसजीपीसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा (Delhi Sikh Gurdwara Management Committee president Manjinder Singh Sirsa) की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव व पाकिस्तान डेस्क के प्रभारी जेपी सिंह से मुलाकात की।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 12:22 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 12:22 PM (IST)
Gurdwara Darbar Sahib Kartarpur:  News Nation. करतारपुर साहिब मसले पर DSGMC की केंद्र से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की मांग
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा।

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। पाकिस्तान सरकार द्वारा गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का प्रबंध गैर सिख इकाई को सौंपने का दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Delhi Sikh Gurdwara Management Committee) ने विरोध किया है। कमेटी ने विदेश मंत्रालय से पाकिस्तान सरकार के सामने यह मामला उठाने की मांग की है। कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा (Delhi Sikh Gurdwara Management Committee president Manjinder Singh Sirsa) की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव व पाकिस्तान डेस्क के प्रभारी जेपी सिंह से मुलाकात की।

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उन्होंने कहा कि इवैक्यूू ट्रस्ट प्राप्ट्री बोर्ड (ईटीपीबी) के अधीन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) गठित कर एतिहासिक गुरुद्वारा का प्रबंध उसके हवाले कर दिया गया है। इसमें गैर सिख सदस्य हैं। ईटीपीबी बंटवारे के समय हिंदू व सिखोंं द्वारा छोड़ी गई संपत्ति का देखभाल करती है। उन्होंने कहा कि सिख सदस्यों को बोर्ड से हटाने के बाद यह फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार गुरुद्वारों को बिजनेस मॉडल बता रही है। यह बिल्कुल गलत व तर्कहीन बात है। गुरुद्वारा ना तो कभी बिजनेस मॉडल थे और ना होंगे।

उन्होंने कहा कि सिख पाकिस्तान सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह गुरुद्वारों से संबंधित मामलों में वहां की सरकार का सीधा हस्तक्षेप है। यह सिखों के लिए बहुत ही संवेदनशील मामला है। गुरुद्वारा करतारपुर साहिब एक एेतिहासिक गुरुद्वारा है। यहां पर श्री गुरु नानक देव जी ने अपना आखरी समय व्यतीत किया था। दुनियाभर के सिखों की भावनाएं इस स्थान से जुड़ी हुई हैं।

उन्होंने कहा कि गुरुद्वारों का प्रबंध हमेशा सिख मर्यादा के अनुसार होता है। इस बात को नजरअंदाज करके पाकिस्तान सरकार ने यह फैसला किया है। उन्होंने विदेश मंत्रालय से तुरंत इस मामले को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाने और फैसला वापस कराने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में डीएसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रणजीत कौर, महासचिव हरमीत सिंह कालका, संयुक्त सचिव हरविंदर सिंह केपी, सलाहकार परमजीत सिंह चंडोक भी शामिल थे।

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