डीएसजीएमसी की सत्ता के लिए दिलचस्प हुआ मुकाबला, जानें कैसे चल रहा शह मात का खेल
कमेटी में कुल 55 सदस्य होते हैं। इनमें से 46 सीधे संगत से चुनकर आते हैं। दो नामित सदस्यों का चुनाव जीते हुए सदस्य मतदान से करते हैं। दिल्ली के गुरुद्वारा सिंह सभाओं के अध्यक्षों में से दो लाटरी से चुनकर कमेटी में पहुंचते हैं।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) की सत्ता किस पार्टी को मिलेगी इसका फैसला 22 जनवरी को हो जाएगा। 55 सदस्यीय कमेटी में 51 सदस्य अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों के चुनाव में भाग लेते हैं। संख्या बल में शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) आगे है। सत्ता पर काबिज होने के लिए जरूरी संख्या 26 से ज्यादा सदस्य उसके पास है, लेकिन इन्हें एकजुट रखने की चुनौती है। दूसरी ओर शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के पास मात्र 21 सदस्य हैं। पार्टी के नेताओं का दावा है कि शिअद बादल के कई सदस्य उसके संपर्क में हैं। इससे सत्ता के लिए मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
कमेटी में होते हैं कुल 55 सदस्य
कमेटी में कुल 55 सदस्य होते हैं। इनमें से 46 सीधे संगत से चुनकर आते हैं। दो नामित सदस्यों का चुनाव जीते हुए सदस्य मतदान से करते हैं। दिल्ली के गुरुद्वारा सिंह सभाओं के अध्यक्षों में से दो लाटरी से चुनकर कमेटी में पहुंचते हैं। एक सदस्य शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) का प्रतिनिधि होता है। इन 51 सदस्यों को अध्यक्ष पद के लिए होने वाले मतदान में मत देने का अधिकार होता है। शेष चार सदस्य अलग-अलग तख्त के जत्थेदार होते हैं और इन्हें मतदान का अधिकार नहीं होता है।
शिअद बादल के पास हैं 30 सदस्य
शिअद बादल को 27 सीटें मिली है। शिअद दिल्ली का एक सदस्य भी पार्टी में शामिल हो गया है। इस तरह से 28 चुने हुए सदस्य हैं। निर्वाचित सदस्यों के मतदान से चुने गए एक नामित सदस्य के साथ ही एसजीपीसी का नामित सदस्य का समर्थन भी इसे मिलेगा। इस तरह से इसके खेमे में 30 सदस्य हैं।
सरना के साथ 21 सदस्य
शिअद दिल्ली के अपने चुने हुए 13 सदस्यों के साथ ही जग आसरा गुरु ओट के तीन के साथ ही एक पंथक लहर का और एक निर्दलीय सदस्य का समर्थन है। निर्वाचित सदस्यों के मतदान से चुने गए एक नामित सदस्य के साथ ही पार्टी लाटरी से चुने गए दोनों नामित सदस्यों के समर्थन का दावा कर रही है। इस तरह से पार्टी के पास इस समय 21 सदस्य हैं।
कालका ने किया एकजुटता का दावा
शिअद बादल के प्रदेश अध्यक्ष हरमीत सिहं कालका ने बुधवार को अपनी पार्टी के जीते हुए सभी सदस्यों के साथ प्रेस वार्ता करके एकजुटता का दावा किया। मनजिंदर सिंह सिरसा के भाजपा में शामिल होने के बाद से यह चर्चा थी कि कई सदस्य उनके साथ हैं और डीएसजीएमसी चुनाव में शिअद बादल का विरोध करेंगे। पिछले दिनों डीएसजीएमसी बोर्ड की बैठक में भी पार्टी के सदस्यों में मतभेद दिखा था। कालका ने सिरसा का विरोध किया था लेकिन पार्टी के कई सदस्य उनके समर्थन में थे। पार्टी के नेता अब किसी तरह के मतभेद होने से इन्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि सिरसा के समर्थक पार्टी से बगावत नहीं करेंगे। वहीं, सरना गुट का कहना है कि मतदान वाले दिन बादल दल के कई सदस्य उसके साथ खड़े होंगे।