Move to Jagran APP

Delhi Driving License: दिल्ली सरकार ने दी सुविधा, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब किसी भी ट्रैक पर दें ड्राइविंग टेस्ट

दिल्ली में हर साल बड़ी संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं। दिल्ली के सभी 13 परिवहन कार्यालयों में अब परमानेंट लाइसेंस के लिए आटोमेटेड ट्रैक पर टेस्ट लिया जा रहा है लेकिन टेस्ट के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 09:32 AM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 10:10 AM (IST)
Delhi Driving License: दिल्ली सरकार ने दी सुविधा, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब किसी भी ट्रैक पर दें ड्राइविंग टेस्ट
Delhi Driving License: दिल्ली सरकार ने दी सुविधा, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब किसी भी ट्रैक पर दें ड्राइविंग टेस्ट

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब किसी भी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के आटोमेटेड ट्रैक पर टेस्ट दे सकेंगे। परिवहन विभाग ने बढ़ रही प्रतीक्षा सूची को देखते हुए यह फैसला लिया है। इसके तहत परमानेंट लाइसेंस के लिए आवेदन के समय विभाग की वेबसाइट पर दिल्ली के जिस क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में प्रतीक्षा सूची कम होगी। उसी कार्यालय के ट्रैक पर टेस्ट देने के लिए आवेदन किया जा सकेगा। अभी तक आवेदक को अपने आवासीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के ट्रैक पर ही टेस्ट देने की अनुमति थी।

loksabha election banner

दिल्ली में हर साल बड़ी संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं। दिल्ली के सभी 13 परिवहन कार्यालयों में अब परमानेंट लाइसेंस के लिए आटोमेटेड ट्रैक पर टेस्ट लिया जा रहा है , लेकिन टेस्ट के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। सूरजमल विहार, लोनी, झड़ौदा स्थित ट्रैक के लिए करीब तीन-तीन माह की प्रतीक्षा सूची है, जबकि वसंत विहार आदि में 15 दिन में ही नंबर आ जाता है। ऐसे में अब आवेदकों को मौका दिया जा रहा है कि उन्हें जिस भी कार्यालय के अंतर्गत ट्रैक पर अप्वाइंटमेंट मिले, वहां आवेदन करें। वहीं रात में भी ड्राइविंग टेस्ट की सुविधा शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सभी आटोमेटेड ट्रैक पर रोशनी का प्रबांध किया जा रहा है। इसके लिए उच्च क्षमता की लाइटें लगाने का निर्णय लिया गया है। यह कार्य एक माह में पूरा होगा, ताकि रात 10 बजे तक टेस्ट लिए जा सकें।

लर्निंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों में बड़ी संख्या में अब कलर ब्लाइंडनेस के मामले सामने आ रहे हैं। एक माह में लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों में से अब तक इस परेशानी के चलते 258 लोग टेस्ट में फेल हो चुके हैं।

परिवहन विभाग ने गत 11 अगस्त से अपनी सभी सेवाएं आनलाइन कर दी हैं। तब से लेकर तीन सितंबर तक लर्निग लाइसेंस के लिए 28,435 आवेदन आए हैं। टेस्ट में उत्तीर्ण होकर 21,391 लोग लर्निंग लाइसेंस बनवा चुके हैं, जबकि 7,044 आवेदन अभी पेंडिंग हैं। इसके अलावा 1,809 लोग फेल हो गए हैं। इसमें से 258 लोग कलर ब्लाइंडनेस टेस्ट में फेल हो गए हैं।

आनलाइन प्रक्रिया के चलते पहली बार कलर ब्लाइंडनेस के मामले ज्यादा आ रहे

आवेदक को कलर (रंग) का नाम बताना पड़ता है, जिसमें यह देखा जाता है कि आवेदक की नजर ठीक है या नहीं। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि यह पहली बार है कि कलर ब्लाइंडनेस के मामले इतनी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था को आनलाइन करने के बाद ही संभव हो सका है। इससे पहले सामान्य तरीके से यह प्रक्रिया पूरी की जाती थी। निरीक्षक के नेतृत्व में रंग पहचानने की आवेदक की जांच होती थी। मगर अब सब कुछ आनलाइन है। सिस्टम कोई भी गड़बड़ी स्वीकार नहीं करेगा। वाहन चालक के लिए रंग पहचानने की क्षमता होना अति आवश्यक है। अगर वाहन चला रहा व्यक्ति रंग नहीं पहचान पाएगा तो ऐसा चालक अपने लिए व अन्य के लिए भी खतरनाक साबित होगा, क्योंकि उसे पता नहीं चल सकेगा कि चौराहे पर लालबत्ती जल रही है या फिर हरीबत्ती।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.