DRDO ने दिल्ली में सिर्फ 12 दिन में बनाया 1000 बेड का Covid-19 अस्पताल, जानिए- विशेषता
डीआरडीओ के इस अस्पताल के आइसीयू में 250 बिस्तर हैं जिनमें तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। दिल्ली-एनसीआर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defense research and development organization) ने दिल्ली कैंट इलाके 1000 बेड का अस्पताल तैयार किया है। अस्थाई कोविड-19 अस्पताल के बनने से लोगों के साथ दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार ने भी राहत की सांस ली है, क्योंकि राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या बढ़कर 1 लाख के करीब पहुंचे के करीब है, ऐसे में यह अस्थाई अस्पताल लोगों के लिए राहत की तरह है। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डीआरडीओ के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी अस्पताल का दौरा करने पहुंचे। आइये जानते हैं इसकी खूबियां।
- डीआरडीओ के 1000 बेड वाले कोविड अस्पताल की शुरुआत हो गई है, जिसे महज 12 दिनों में तैयार किया गया है।
- डीआरडीओ के इस अस्पताल के आइसीयू में 250 बिस्तर हैं।
- इस कोविड-19 अस्पताल इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के निकट रक्षा मंत्रालय की जमीन पर महज 11 दिन के भीतर बनाया गया है।
- गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, इस अस्पताल का संचालन सशस्त्र बलों के कर्मी करेंगे।
- डीआरडीओ, गृह मंत्रालय, टाटा संस इंडस्ट्रीज ने कई संगठनों के सहयोग से 1000 बेड वाला यह अस्थायी अस्पताल कोविड-19 मरीजों के लिए महज 12 दिनों में तैयार किया है।
- डब्ल्यूएचओ गाइडलाइंस के अनुसार यहां 250 आईसीयू यूनिट भी उपलब्ध हैं।
- इस कोविड-19 अस्पताल में सभी मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।
- ऑक्सीजन, पीपीई किट, वेंटिलेटर, कोरोना टेस्ट सुविधा और दूसरे लैब की सुविधा उपलब्ध है।
- अस्पताल में 24 घंटे स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहेंगे।
- DRDO के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी के मुताबिक, अस्पताल में मरीजों के लिए सभी सुविधाएं निःशुल्क हैं।
- सेना के जवान अपनी सेवाएं 24x7 प्रदान करेंगे।
- सरदार वल्लभभाई पटेल COVID-19 अस्पताल के निर्माण के लिए एक कचरा डंपिंग ग्राउंड को साफ और समतल किया गया। इसके बाद इसे तैयार किया गया।