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दिल्ली में 8 एसटीपी के शोधन की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं, डीपीसीसी ने मांगी रिपोर्ट

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने जल बोर्ड के सीवरेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) द्वारा शोधित सीवरेज के पानी की गुणवत्ता और आनलाइन निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कमेटी ने कहा है कि छह एसटीपी की आनलाइन सतत प्रवाह निगरानी प्रणाली बंद है।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 08:55 AM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 08:55 AM (IST)
दिल्ली में 8 एसटीपी के शोधन की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं, डीपीसीसी ने मांगी रिपोर्ट
दिल्ली में 8 एसटीपी के शोधन की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं, डीपीसीसी ने मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने जल बोर्ड के सीवरेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) द्वारा शोधित सीवरेज के पानी की गुणवत्ता और आनलाइन निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कमेटी ने जल बोर्ड को पत्र लिखकर कहा है कि छह एसटीपी की आनलाइन सतत प्रवाह निगरानी प्रणाली बंद है। इस वजह से उन संयंत्रों द्वारा शोधित सीवरेज के पानी की गुणवत्ता और प्रवाह की आनलाइन निगरानी नहीं हो पा रही है। वहीं आठ एसटीपी के शोधित सीवरेज के पानी की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है। लिहाजा कमेटी ने जल बोर्ड से उचित कार्रवाई कर समस्या दूर करने का निर्देश दिया है और तीन दिन में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।

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कमेटी ने जल बोर्ड से कहा है कि यमुना विहार फेज दो, कोरोनेशन पिलर फेज एक व फेज दो और कोंडली फेज चार एसटीपी से आनलाइन निगरानी के उपकरण चोरी हो गए हैं। इन संयंत्रों में अब तक नए उपकरण नहीं लगाए गए हैं। कमेटी ने सीवरेज के शोधन के बाद एसटीपी से निकलने वाले उपचारित पानी के सैंपल की अपनी लैब में जांच कराई है।

कमेटी ने अपने पत्र में कहा है कि आठ एसटीपी के शोधन की गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरी। अगस्त माह की रिपोर्ट के आधार पर कमेटी ने 21 सितंबर को पत्र जारी कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। कमेटी ने अपने पत्र में कहा है कि पहले भी जल बोर्ड को आनलाइन निगरानी व्यवस्था ठीक करने का निर्देश दिया गया था। इसकी कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन जल बोर्ड ने अब तक कार्रवाई रिपोर्ट नहीं दी है।

इस वजह से कमेटी ने एक बार फिर जल बोर्ड से कार्रवाई रिपोर्ट की मांग की है। इस संदर्भ में जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा कि अभी इस मामले की जानकारी नहीं है। डीपीसीसी का पत्र देखने के बाद ही कुछ कह पाएंगे।  


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