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BJP के खिलाफ दिल्ली में ये है कांग्रेस का फॉर्मूला, बस केजरीवाल की 'हां' का इंतजार

कांग्रेस ने गठबंधन की गेंद एक बार फिर AAP के पाले में डाल दी है। कांग्रेस ने दिल्ली की 4 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी तय करने के साथ ही AAP को तीन सीटों के लिए निमंत्रण भी दिया है।

By Edited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 08:57 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 09:05 AM (IST)
BJP के खिलाफ दिल्ली में ये है कांग्रेस का फॉर्मूला, बस केजरीवाल की 'हां' का इंतजार
BJP के खिलाफ दिल्ली में ये है कांग्रेस का फॉर्मूला, बस केजरीवाल की 'हां' का इंतजार

नई दिल्ली, जेएनएन। सियासी पलटवार करते हुए कांग्रेस ने गठबंधन की गेंद एक बार फिर आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) के पाले में डाल दी है। कांग्रेस ने दिल्ली की चार लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी तय करने के साथ ही AAP को तीन सीटों के लिए निमंत्रण भी दे दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि सिर्फ दिल्ली में वह अभी भी AAP के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है। दरअसल, कांग्रेस ने AAP को सीधा सा फॉर्मूला दिया है कि वह खुद 4 सीटों पर लड़ेगी,जबकि वह AAP के लिए 3 सीटें छोड़ेगी। 

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कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने शुक्रवार को एआइसीसी में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि AAP की ओर से गठबंधन के लिए मना किए जाने के बाद कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। पार्टी ने चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि तीन पर चयन कर लिया गया है। हालांकि, आप अगर दिल्ली में तालमेल करना चाहती है, तो पार्टी आज भी तैयार है। अन्यथा एक दो दिन में सभी सात सीटों के उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि AAP दूसरे राज्यों में भी गठबंधन करना चाहती थी, जोकि यह संभव नहीं है। हमारी नीति भाजपा को हराने के लिए अलग-अलग राज्यों में गठबंधन करने की है। दिल्ली में भी यह सुझाव आया कि AAP के साथ गठबंधन किया जाए और कांग्रेस तैयार भी है।

दिल्ली इकाई गठबंधन के लिए कतई तैयार नहीं थी, लेकिन राहुल गांधी के निर्देशानुसार हम दोनों दलों के बीच सहमति बनाना चाहते थे।  AAP की ओर से संजय सिंह बात कर रहे थे। पीसी चाको ने इस बीच कुछ आंकड़ों का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली में वर्ष 2017 में अंतिम चुनाव निगम का हुआ था।

इसमें कांग्रेस को 31 सीटें तो AAP को 49 सीटें मिली थी। इस चुनाव में कांग्रेस का मत फीसद 21 रहा, जबकि आप को 26 फीसद मत मिले थे। ठीक यही स्थिति पिछले लोकसभा चुनाव में भी रही थी। इसके आधार पर सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय किया था। इसमें कांग्रेस को तीन सीटें तो AAP को चार सीटें देने पर सहमति बनी थी, लेकिन AAP ने हरियाणा व अन्य राज्यों में भी गठबंधन की मांग रखी, जो पार्टी नेतृत्व को स्वीकार नहीं है।

बृहस्पतिवार शाम हुई केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में दिल्ली की सातों लोकसभा सीट के उम्मीदवारों के नाम पर फैसला होना था, लेकिन इस बैठक में केवल चार सीटों पर ही फैसला हो पाया और बाकी तीन सीटों को लेकर अभी विचार चल रहा है। इसमें जिन चार सीटों पर नाम तय हुए हैं इसमें नई दिल्ली से पूर्व सांसद अजय माकन, चांदनी चौक से कपिल सिब्बल, नॉर्थ ईस्ट से जय प्रकाश अग्रवाल और नार्थ वेस्ट से पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान का नाम शामिल है।

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