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डॉक्टरों ने बताया बुजुर्गों के लिए टीका ही उनके जीवन की लाठी और कोरोना की लड़ाई में सबसे कारगर हथियार, जानिए और क्या बताया?

टीका ही कोरोना से लड़ाई में सबसे कारगर हथियार है। यही सुरक्षा कवच है जो वायरस के हर वार को नाकाम करता है। टीका लेने वालों को कोरोना का संक्रमण हो गया तो जीवन का खतरा नहीं रहता। बुजुर्गो के लिए तो टीका जीवन की लाठी की तरह है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 01:06 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 01:06 PM (IST)
डॉक्टरों ने बताया बुजुर्गों के लिए टीका ही उनके जीवन की लाठी और कोरोना की लड़ाई में सबसे कारगर हथियार, जानिए और क्या बताया?
महामारी की तीसरी लहर में राजधानी में जितनी मौतें हुईं, उनमें वृद्धों का आंकड़ा हमें सतर्क करता है।

नई दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर टीम। टीका ही कोरोना से लड़ाई में सबसे कारगर हथियार है। यही वह सुरक्षा कवच है जो वायरस के हर वार को नाकाम करता है। यदि टीका लेने वालों को कोरोना का संक्रमण हो भी गया तो जीवन का खतरा नहीं रहता। बुजुर्गो के लिए तो टीका उनके जीवन की लाठी की तरह है। महामारी की तीसरी लहर में राजधानी में जितनी मौतें हुईं, उनमें वृद्धों का आंकड़ा हमें सतर्क करता है।

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दरअसल इसकी मूल वजह अभी तक अकेले, बीमार, उम्रदराज वृद्धों तक पहुंच का अभाव है। बुजुर्ग दूसरों पर आश्रित हैं और उनकी चिंता करने वाला कोई नहीं है। सवाल उठता है कि ऐसे बुजुर्गो को घर-घर जाकर टीका क्यों नहीं लगाया जाता है? सरकार और प्रशासन इस दिशा में प्रयास क्यों नहीं करते? अकेले रहने वाले बुजुर्गो की तलाश के लिए पुलिस से मदद क्यों नहीं ली जा रही? वे टीका लगवाना चाहते हैं, लेकिन अस्वस्थ होने की वजह से लाचार हैं? आखिर कैसे हो बुजुर्ग आबादी का पूर्ण टीकाकरण.. इसकी भी पड़ताल करना जरूरी है।

बुजुर्गो के प्रति और सतर्क, सजग बनने की जरूरत

एक फरीदाबाद को छोड़ दें तो एनसीआर के अन्य शहरों और दिल्ली में बुजुर्गो का टीकाकरण अभी भी बड़ी चुनौती है। फरीदाबाद ने जहां वृद्ध आबादी का 100 प्रतिशत टीकाकरण कर लिया, वहीं दूसरे शहरों के बुजुर्ग भी यहां टीका लगवाने पहुंचे। यह टीका नहीं लग पाने का ही दुष्परिणाम कि तीसरी लहर में दिल्ली में इस माह के पहले पखवाड़े में मरने वालों में 45 प्रतिशत बुजुर्ग हैं।

राजधानी में कोरोना के मामले कम जरूर आ रहे हैं, लेकिन संक्रमण का खतरा टला नहीं है। ऐसे में सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन (एसएसडब्ल्यूए) भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। राजेंद्र नगर में एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश मलिक ने बताया कि यहां कई सारे बुजुर्ग रहते हैं। जिन्होंने टीके की दो डोज ले ली है, उन्हें सतर्कता डोज लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि कालोनी में किसी अन्य को परेशानी न हो। वह कहते हैं कि कालोनी में सुरक्षाकर्मी भी मौजूद हैं। कालोनी में आने वाले व्यक्तियों का हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा है। अभी तक किसी बुजुर्ग की तरफ से मदद नहीं मांगी गई है, लेकिन एसोसिएशन उनकी मदद के हर समय तैयार है।


मलिक ने बताया कि पिछली बार की तरह परेशानी नहीं है। टीकाकरण की वजह से यह सुरक्षा बढ़ी है, इसलिए सभी लोगों को टीकाकरण करवाने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां पांच टीकाकरण केंद्र हैं, जो आधे किलोमीटर की दूरी में हैं। ऐसे में किसी को आने-जाने में परेशानी भी नहीं हो रही है। एसोसिएशन लगातार प्रशासन के संपर्क में है। कालोनी में लोग भी कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। एक-दो लोग होते हैं, जो बिना मास्क के घूमते दिखते हैं तो उन्हें तुरंत मास्क पहनने के लिए कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि किशोरों के लिए टीका आ गया है। ऐसे में बच्चों के अभिभावकों को इस बारे में सूचित किया जा रहा है कि किशोरों का जल्द टीकाकरण करवाएं। वह कहते हैं कि संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं। यह अच्छी बात है, लेकिन लोगों से सतर्कता बरतने के लिए जोर दिया जा रहा है। यही वह समय है जब सबको प्रशासन के साथ सहयोग करना चाहिए और यह लड़ाई तभी जीती जा सकती है, जब सभी लोग अपना योगदान देंगे।


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