Move to Jagran APP

रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल से मरीज रहे परेशान, कुछ मरीजों को मिला इलाज, बाकी को लौटाया

राजधानी में रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल के तीसरे दिन भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। हालांकि रविवार का दिन होने के कारण कम मरीज अस्पताल पहुंचे। इससे हड़ताल का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। कम मरीज आने के कारण कुछ गंभीर मरीजों को वरिष्ठ डाक्टरों ने देखा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 20 Dec 2021 06:10 AM (IST)Updated: Mon, 20 Dec 2021 10:50 AM (IST)
रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल से मरीज रहे परेशान, कुछ मरीजों को मिला इलाज, बाकी को लौटाया
लोकनायक, जीबी पंत, जीटीबी सहित अन्य अस्पतालों में भी डाक्टर हड़ताल पर रहे।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल के तीसरे दिन भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। हालांकि, रविवार का दिन होने के कारण कम मरीज अस्पताल पहुंचे। इससे हड़ताल का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। कम मरीज आने के कारण कुछ गंभीर मरीजों को वरिष्ठ डाक्टरों ने देखा। वहीं, बाकी मरीजों को वापस लौटाया।

loksabha election banner

हड़ताल के दौरान राम मनोहर लोहिया (आरएमएल), सफदरजंग और लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज एवं संंबंधित अस्पतालों सुचेता कृपलानी और कलावती सरन में डाक्टरों ने हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकार से जल्द से जल्द काउंसलिंग शुरू कराने की मांग की। आरएमएल के डाक्टर अनुज ने बताया कि पिछले सोमवार को मैंने 36 घंटे बिना आराम किए काम किया था।

अस्पताल में अभी डाक्टरों के दो बैच (पहला और दूसरा साल) हैं। दो बैच के डाक्टरों को तीन बैच का काम करना पड़ रहा है। जब तक काउंसलिंग शुरू नहीं होगी तब तक अस्पतालों में रेजिडेंट डाक्टरों के ऊपर से काम का बोझ कम नहीं होगा।

वहीं, काउंसलिंग शुरू होने पर ही हमें भी दूसरे साल व दूसरे साल वालों को तीसरे साल में प्रवेश मिलेगा। काउंसलिंग शुरू होने से डाक्टरों की संख्या बढ़ेगी तो अधिक मरीजों को देखा जा सकेगा। इसी तरह से लोकनायक, जीबी पंत, जीटीबी सहित अन्य अस्पतालों में भी डाक्टर हड़ताल पर रहे।

इधर, हरि नगर स्थित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में रेजिडेंट चिकित्सकों ने ओपीडी में काम नहीं किया। उनके स्थान पर चिकित्सा विशेषज्ञ ओपीडी में मौजूद रहे। ऐसे में मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं रोजाना की तरह जारी रही पर ओपीडी में चिकित्सकों की संख्या कम होने के कारण इमरजेंसी के बाहर मरीजों की लंबी कतार नजर आई। जिसके कारण अति गंभीर मरीजों को इलाज के लिए काफी देर इंतजार करना पड़ा। इससे पूर्व छह से नौ दिसंबर तक भी रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल पर थे। आश्वासन के बाद भी काउंसलिंग में जारी देरी के चलते रेजिडेंट चिकित्सकों ने एक बार फिर हड़ताल शुरू कर दी है। डीडीयू अस्पताल में रेजिडेंट चिकित्सक एसोसिएशन के अध्यक्ष डा राजकुमार ने कहा कि यदि सरकार ने काउंसलिंग प्रक्रिया को जल्द शुरू नहीं किया तो वे भी इमरजेंसी सेवाएं ठप कर देंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.