अब बिना दिल खोले ही ठीक हो जाएंगी आपकी धड़कनें, देश में पहली बार मिली सफलता
13 साल पहले बायपास सर्जरी के बाद वाल्व खराब हो गई इस कारण दोबारा सर्जरी करना मुमकिन नहीं था। लिहाजा इस मामले में डॉक्टरों ने मिट्राक्लिप तकनीक को अपनाया।
नई दिल्ली, जेएनएन। राजधानी के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल के डॉक्टरों ने 69 वर्षीय मरीज की बाईपास सर्जरी के बगैर दिल के वाल्व की मरम्मत करने में कामयाबी हासिल की है। डॉक्टरों ने मिट्राक्लिप तकनीक से वाल्व के रिसाव को बंद किया। अस्पताल के डॉक्टरों का दावा है कि देश में पहली बार ओपन सर्जरी के बगैर वाल्व की मरम्मत की गई है। यह सर्जरी अमेरिका के लॉस एंजेलिस स्थित स्मिट हार्ट इंस्टिट्यूट, से डार्स सिनाइ हार्ट सेंटर के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. सैबल कार की मदद से की गई।
13 साल पहले हुई थी बायपास सर्जरी
अस्पताल के अनुसार 13 साल पहले मरीज की बायपास सर्जरी हुई थी। एक वाल्व खराब होने के कारण मरीज की सांस फूल रही थी। पहले बाईपास सर्जरी होने की वजह से दोबारा सर्जरी करना मुमकिन नहीं था। लिहाजा इस मामले में डॉक्टरों ने मिट्राक्लिप तकनीक को अपनाया।
बगैर बाइपास सर्जरी के ठीक किया दिल का वाल्व
अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. अशोक सेठ ने कहा कि एंजियोप्लास्टी की तरह यह प्रक्रिया कैथ लैब में की जाती है। एक कैथेटर जांच की धमनियों से हार्ट के दायें चैंबर से होते हुए बायें चेंबर में डाला जाता है।
इस प्रक्रिया से किया इलाज
इस प्रक्रिया में दोनों चेंबर को अलग करने वाली बीच के इंटरएटियम सैप्टम में छेद करना पड़ता है। इसके बाद इको व एक्सरे की मदद से रिसाव की जगह वाल्व में क्लिप लगा दी जाती है। इस प्रक्रिया में करीब डेढ़ घंटा लगता है।
अस्पताल से जल्द मिल जाती है छुट्टी
सर्जरी के 24-48 घंटे बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित शोध में यह बताया गया है कि इस तकनीक से मरीज की आयु दो साल से अधिक बढ़ जाती है। इस तकनीक से उन मरीजों को फायदा होगा जिनकी सर्जरी संभव नहीं है। हालांकि नई तकनीक अभी महंगी है।