राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में एसडीएम से तकरार के बाद डाॅक्टर ने दिया इस्तीफा
राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में विशेष ड्यूटी पर पहुंचे एसडीएम के साथ आइसीयू के प्रभारी डाॅक्टर की तकरार हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि डाॅक्टर ने आहत होकर अपना इस्तीफा अस्पताल के निदेशक डाॅ. बीएल शेरवाल को भेज दिया। इसके बाद वह अस्पताल छोड़कर निकल गए।
नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में विशेष ड्यूटी पर पहुंचे एसडीएम के साथ आइसीयू के प्रभारी डाॅक्टर की तकरार हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि डाॅक्टर ने आहत होकर अपना इस्तीफा अस्पताल के निदेशक डाॅ. बीएल शेरवाल को भेज दिया। इसके बाद वह अस्पताल छोड़कर निकल गए। हालांकि उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है। दोनों पक्षों से बातचीत कर अस्पताल प्रशासन मामले को सुलझाने में लगा है।
जानकारी के मुताबिक डाॅ. शालीन प्रसाद सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। छठी मंजिल पर बने आइसीयू के प्रभारी हैं। वहीं शाहदरा के एसडीएम (हेडक्वार्टर) डाॅ. नितिन शाक्या पिछले करीब दस दिन से यहां विशेष ड्यूटी पर हैं। उनकी जिम्मेदारी मरीजों और तीमारदारों की शिकायतों को दूर करना है। यहां दांतों के डाक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है जो मरीजों की निगरानी के साथ टैब पर उनकी बातचीत स्वजन से कराने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
शनिवार को 14 दिन क्वारंटाइन रहने के बाद डाॅ. शालीन प्रसाद ड्यूटी पर पहुंचे थे। डाॅ. शालीन के मुताबिक छठी मंजिल पर आइसीयू में 50 मरीज भर्ती हैं। इनकी देखरेख के लिए उनके साथ सिर्फ एक जूनियर रेजीडेंट और एक सीनियर रेजीडेंट डाॅक्टर थे। इसी दौरान एसडीएम नितिन शाक्या वहां पहुंचे। डाॅ. शालीन के मुताबिक डाॅ. नितिन आते ही दांतों के डाॅक्टरों को वीडियो कालिंग करने से रोकने पर चिल्लाना शुरू कर दिया। डाॅ. शालीन ने डाॅक्टरों की कमी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि मरीजों को इलाज मिलना ज्यादा जरूरी है, लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद डाॅ. शालीन ने अपना इस्तीफा भेज दिया।
आरोप गलत : डाॅ. नितिन
उधर, डाॅ. नितिन ने डाॅ. शालीन के आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा, मैं खुद भी डाॅक्टर हूं। मेरी ड्यूटी मरीजों और तीमारदारों की शिकायतों को दूर करने के लिए लगाई गई है। इसके लिए हेल्प डेस्क बनाया गया है। यहां दांतों के डाॅक्टर मरीजों की देखरेख के साथ वीडियो कालिंग भी कराते हैं। मैं जब छठी मंजिल पर पहुंचा तो वहां हेल्प डेस्क पर कोई नहीं था। इसका कारण पूछने पर डा. शालीन चिल्लाने लगे। उन्होंने न तो पीपीई किट पहनी हुई थी और न ही मास्क लगाया हुआ था। संकट के समय में हम लोगों को मिल-जुलकर काम करना है। इस तरह से आरोप लगाना गलत है।