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Diwali 2021: सुख-समृद्धि के प्रतीक इस त्योहार में सेहत का इस तरह रखा जाए ख्याल...

Diwali 2021 ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज की सह प्राध्यापक डा. मनीष शर्मा ने बताया कि लगभग दो साल बाद इस बार दीपावली की रौनक दिख रही है। बेशक इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि कोरोना का संक्रमण नियंत्रित हुआ है अभी समाप्त नहीं हुआ।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 04:39 PM (IST)Updated: Thu, 04 Nov 2021 12:30 AM (IST)
Diwali 2021: सुख-समृद्धि के प्रतीक इस त्योहार में सेहत का इस तरह रखा जाए ख्याल...
दीपावली उल्लास के साथ मनाई जाए। फाइल फोटो

डा. मनीष शर्मा। दीपावली सुख और समृद्धि का त्योहार है। जीवन में असल समृद्धि तभी होगी, जब हमारी सेहत अच्छी होगी। इसलिए त्योहार की खुशियों के साथ इस बात के प्रति सजग रहें कि हमारी सेहत प्रभावित न हो। दीपावली में बधाई देने के लिए दोस्त, रिश्तेदार और करीबियों के यहां मिलने जाने से बचा नहीं जा सकता है, लेकिन सेहत के लिए जरूरी एहतियात तो बरते ही जा सकते हैं।

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परिवार के साथ जब आप किसी से मिलने जाएंगे तो दोनों परिवारों के इकट्ठा होने पर भीड़ का माहौल बन ही जाएगा। खुशियों के इन पलों में यदि सावधानी नहीं बरती गई तो सेहत के लिए भारी पड़ सकता है। बेहतर रहेगा कि शुभकामनाएं प्रेषित करने के लिए विभिन्न संचार माध्यमों का प्रयोग करें और भीड़भाड़ वाली जगहों में कम ही जाएं। वैसे भी संक्रमण के प्रति जितना गंभीर आप रहेंगे, उतनी उम्मीद बच्चों से नहीं की जा सकती है।

दीपावली में घर को रोशन करने के साथ ही हरित पटाखे भी चलाए जाएंगे। पटाखे चलाते समय सुरक्षित रहें और छोटे बच्चों को इनसे दूर रखें। घर के बुजुर्ग, बच्चों या बीमार सदस्य को दूर से ही पटाखों को आनंद लेने दें। यदि बच्चे फुलझड़ी जैसे रोशनी वाले पटाखे चलाते हैं तो भी आप उनके साथ रहें। दीपावली में पकवान और तरह-तरह की मिठाइयां बनती हैं। इनका अधिक सेवन भी सेहत खराब कर सकता है।

दूसरों की सेहत का रखें खयाल: उमंग के साथ त्योहार मनाएं, लेकिन अपने आसपास के उन लोगों का भी खयाल रखें जो अस्वस्थ हैं या किसी जटिल बीमारी से जूझ रहे हैं। आपके द्वारा चलाए गए पटाखे का धमाका किसी के लिए मुसीबत न बनें। पटाखे से निकलने वाले धुंए में कार्बन मोनोआक्साइड व कार्बोनिक एसिड जैसी जहरीली गैसें होती हैं, जो एलर्जी व अस्थमा के रोगियों की मुसीबत बढ़ा सकती हैं। पटाखों की तेज आवाज से हाई ब्लडप्रेशर से ग्रस्त लोगों को उलझन या एंग्जायटी की समस्या हो सकती है। कई बार तेज धमाका स्ट्रोक कारण बनता है। हृदय रोगियों के लिए भी पटाखों की आवाज दिक्कत खड़ी कर सकती है। इसलिए पटाखे खुले मैदान या पार्क में ही चलाएं।

सावधानी से चलाएं पटाखे

  • चश्मा लगाकर पटाखा चलाएं
  • पटाखे सिर्फ वयस्क ही चलाएं
  • पटाखे चलाते समय सूती कपड़े पहनें
  • पटाखे मैदान या खुली जगह में चलाएं
  • बच्चों को फुलझड़ी या रोशनी वाले पटाखे ही दें
  • यदि पटाखा नहीं फूटता है तो उसे पानी डालकर नष्ट कर दें
  • पटाखे चलाते समय पास में टब या बाल्टी में पानी जरूर रखें

आंखों को क्षति पहुंचे तो यह करें

  • आंख धुलने के लिए ठंडे पानी का प्रयोग करें
  • आंख में बारूद का कण चला जाए तो आंख को छूने से पहले साबुन से हाथ जरूर धोएं
  • आंख में चुभन हो रही हो तो रगड़ें नहीं, टब या बड़े बर्तन में पानी रखकर आंख को उसमें खोलें
  • पटाखे से आंख में चोट आई हो या ज्यादा नुकसान हुआ हो तो बिना समय गंवाए चिकित्सक को दिखाएं

बीमार लोग सावधानी बरतें: यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं या घर का कोई सदस्य बीमार है तो आवश्यक दवाओं का इंतजाम जरूर कर लें। डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, अल्जाइमर व हृदय की बीमारियों के रोगी चिकित्सक के संपर्क में रहें। डायबिटीज के रोगी शुगर का लेवल और ब्लडप्रशेर से ग्रसित लोग मानीटरिंग करते रहें, क्योंकि शोर और भीड़ के माहौल का ब्लडप्रेशर पर सीधा असर पड़ता है। ये लोग घर में भी मास्क लगाकर रहें और साफ-सफाई का ध्यान रखें। बीमार सदस्य को घर आने वाले लोगों से दूर रखें। जिससे वे हर तरह के संक्रमण से सुरक्षित रह सकें।

संयमित रखें खानपान: दीपावली का त्योहार लजीज व्यंजनों और पकवानों का त्योहार है। इसमें तरह-तरह की मिठाइयां, पकवान आदि खाने का सिलसिला कई दिनों तक चलता है। अधिक तेल-मसाले और घी से बना खाना सेहत के लिए ठीक नहीं होता है। त्योहारी खाने का आनंद लें, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इनकी अधिकता कहीं सेहत न बिगाड़ दे। डायबिटीज के रोगी चिकित्सक की सलाह पर ही सीमित मात्रा में मिठाइयों का सेवन करें। अधिक ड्राई फ्रूट्स का सेवन भी सेहत पर विपरीत असर डालता है।

मास्क पहनना न भूलें: इन दिनों मौसम में नमी है। इसलिए पटाखों से निकलने वाले बारूद के कण, धुंआ और हानिकारक गैसों का असर वायुमंडल में लंबे समय तक रहेगा। इसके साथ ही जब पटाखे फोड़े जाते हैं तो उनसे निकलने वाला हानिकारक धुंआ सांस के माध्यम से सीधे शरीर में प्रवेश करता है, जो श्‍वसनतंत्र से संबंधित समस्याओं का कारण बनता है। जब आप मास्क का प्रयोग करेंगे तो कोरोना संक्रमण ही नहीं, अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा भी कम हो जाएगा। इसलिए कोविड प्रोटोकाल का पालन सपरिवार करें।


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