शिक्षा निदेशालय ने जारी किए कक्षा 11वीं में दाखिले के लिए दिशा-निर्देश
Guidelines for Admission in class 11th शिक्षा निदेशालय ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कक्षा 11वीं में दाखिले के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शिक्षा निदेशालय ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कक्षा 11वीं में दाखिले के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए है। निदेशाालय ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए है कि तय पात्रता मानदंडो के तहत ही छात्रों को दाखिला दिया जाए। साथ ही प्रधानाचार्यों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्कूल के या सरकारी फीडर स्कूलों के छात्रों का दाखिला चुने गए संकाय में ऑनलाइन मॉड्यूल के जरिए किया जाए।
वहीं, छात्रों को संकाय चुनने में स्कूलों को छात्रों के लिए ऑनलाइन सेशन रखने और एक हेल्पलाइन भी जारी करने को कहा गया है। प्रधानाचार्यों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी अभिभावक या स्कूल के दवाब में संकाय को न चुने। चूंकि कोरोना महामारी से सभी स्कूल बंद है ऐसे में जिन छात्रों के पास ऑनलाइन फॉर्म भेजने की सुविधा है वह विधिवत भरा हुआ संकाय विकल्प फॉर्म अपने हस्ताक्षर करके वॉट्सएप या ई-मेल के जरिए स्कूल को भेज सकते हैं। वहीं, जिनके पास ऑनलाइन की सुविधा नहीं है वो स्कूल में जाकर फार्म दे सकते हैं। ऐसे सभी छात्रों को विद्यालय द्वारा अलग-अलग स्लॉट में बुलाया जाएगा।
हर संकाय के लिए पास फीसद
- विज्ञान संकाय के लिए कम से कम 55 फीसद अंक जरुरी हैं। जिसमें अंग्रेजी विषय में अलग से 50 फीसद, गणित के साथ लेने के लिए गणित विषय में 50 फीसद अंक और विज्ञान में 50 फीसद अंक जरूरी हैं। हालांकि, बिना गणित के विज्ञान संकाय के लिए 55 फीसद जिसमें अंग्रेजी में 50 फीसद, गणित में 40 और विज्ञान में 50 फीसद अंक जरुरी है।
- वाणिज्य संकाय के लिए कम से कम 50 फीसद जिसमें अंग्रेजी में 45 फीसद और गणित विषय के साथ लेने के लिए गणित में 50 फीसद अंक और सामाजिक विज्ञान में कम से कम 45 फीसद अंक जरुरी है।
- कला संकाय के लिए बस पास होना काफी है। हालांकि अर्थशास्त्र विषय के साथ लेना है तो अर्थशास्त्र में 45 फीसद और गणित लेनी है तो गणित में 50 फीसद अंक होना जरूरी है।
वहीं, एससी/एसटी/माइनॉरिटी/ओबीसी (नॉन क्रीमी लेयर)/कश्मीरी माइग्रेंट और नैशनल गेम्स में पहला, दूसरा या तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को दाखिले के लिए पात्रता मानदंड के तहत तय किए गए पास फीसद में पांच फीसद की छूट देनी होगी।