आक्सीजन त्रासदी के बावजूद रवैये में नहीं हुआ सुधारः विजेंद्र गुप्ता
दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कुप्रबंधन से दिल्ली के लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इससे सरकार कोई सबक नहीं ले रही है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। भाजपा का कहना है कि आक्सीजन की कमी से राजधानी में कई लोगों की जान चली गई, लेकिन दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही अब भी जारी है। भविष्य में इस संकट से दिल्ली को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने के बजाय सरकार सियासत में व्यस्त है। दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कुप्रबंधन से दिल्ली के लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इससे सरकार कोई सबक नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी कई माह पहले दी गई थी। कोरोना संक्रमितों के इलाज में आक्सीजन की जरूरत होती है।
बावजूद इसके दिल्ली सरकार के पास आक्सीजन प्रबंधन की कोई कार्य योजना नहीं थी। हाहाकार मचने पर अपनी कमी छिपाने को दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार पर झूठे आरोप लगाने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 अप्रैल को एक माह के अंदर दिल्ली में 44 आक्सीजन संयंत्र लगाने की घोषणा की थी। एक माह बाद अब उन्हें इसकी प्रगति रिपोर्ट जनता के सामने रखनी चाहिए। सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री सिर्फ घोषणा करते हैं। संकट के दौर में यही हुआ।
भविष्य में आक्सीजन की कमी से किसी की जान नहीं जाए इसके लिए उन्होंने आज तक कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से जरूरत के अनुसार आक्सीजन मिलने के बावजूद दिल्ली सरकार इसके सही वितरण में असफल रही है। अपने कोटे का आक्सीजन लाने और अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए सरकार के पास टैंकर तक नहीं हैं। भंडारण की व्यवस्था नहीं होने से सरकार ने कंपनियों को आक्सीजन वापस लौटा दिए।
कुप्रबंधन की वजह से जयपुर गोल्डन, सर गंगाराम, और बत्रा अस्पताल में आक्सीजन की कमी से कई मरीजों की जान चली गई। इस लापरवाही के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने आप सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि सरकार अपना घर ठीक करे या फिर इसका नियंत्रण केंद्र सरकार को अपने हाथ में लेने दे।
उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को ध्यान में रखकर दिल्ली सरकार को आक्सीजन के मामले में राजधानी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अविलंब कदम उठाने होंगे। इसके लिए पीएम केयर्स फंड से आवंटित राशि से आक्सीजन संयंत्र लगाने के काम में तेजी लाने की जरूरत है। आक्सीजन संयंत्र लगाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ ही सब्सिडी दी जानी चाहिए। सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में आक्सीजन संयंत्र लगाए जाएं।