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Covid-19: दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले के पीछे ये भी है बड़ी वजह, जानें- पूरा मामला

एक स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि बहुत से लोग लक्षण होने के बावजूद अपने घर-परिवार व कार्यस्थल पर इसके बारे में जानकारी नहीं देते हैं। बीमारी छुपाने से वे अपने लिए तो खतरा उत्पन्न करते हैं साथ ही अन्य के लिए भी संक्रमण का कारण बनते हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 12:40 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 12:40 PM (IST)
कार्यस्थलों पर बीमारी छुपा रहे लोग, कांटैक्ट ट्रेसिंग पर नहीं दे रहे ध्यान

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण से सभी लोग चिंतित हैं। लेकिन सबसे चिंताजनक बात यह है कि संक्रमण के साथ ही लोगों की लापरवाही भी बढ़ती जा रही है। बहुत से लोग लक्षण होने के बावजूद जांच नहीं करवा रहे हैं। गंभीर लक्षण आने पर जो लोग आरटीपीसीआर जांच करवा भी रहे हैं तो उनकी रिपोर्ट आने में ही चार से पांच दिन का समय लग रहा हैं। ऐसे में तब तक मरीज कई लोगों के संपर्क में आकर उन्हें संक्रमित कर चुका होता है।

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वहीं, अधिकारियों का कहना है कि जब से कोरोना के मामले बढ़े हैं, जांच केंद्रों पर लोगों की भारी भीड़ लग रही है। एक-एक जिले में रोजाना 10-11 हजार लोगों की जांच हो रही है। इसमें करीब 50 फीसद आरटीपीसीआर जांच होती है। इसलिए रिपोर्ट आने में समय लगता है।

कार्यस्थलों पर बीमारी छुपा रहे लोग

एक स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि बहुत से लोग लक्षण होने के बावजूद अपने घर-परिवार व कार्यस्थल पर इसके बारे में जानकारी नहीं देते हैं। इस तरह से बीमारी छुपाने से वे अपने लिए तो खतरा उत्पन्न करते हैं, साथ ही घर के सदस्यों व कार्यस्थल पर सहकर्मियों के लिए भी संक्रमण का कारण बनते हैं।

स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि जांच कराने आए तमाम लोग रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद बताते हैं कि उन्हें तीन-चार दिन से बुखार, सिर दर्द, आंखों में जलन जैसी समस्या थी, लेकिन उन्होंने वायरल फीवर या सामान्य बुखार समझकर जांच नहीं कराई।

कांटैक्ट ट्रेसिंग पर नहीं दे रहे ध्यान

कालकाजी निवासी एक बुजुर्ग संक्रमित हुए। इलाज के दौरान डाक्टरों ने उनसे कुछ दिनों के अंदर संपर्क में आए लोगों के नाम व मोबाइल नंबर लिए। घर आने के बाद बुजुर्ग ने उन लोगों से फोन के जरिये संपर्क किया तो पता चला कि उनमें से ज्यादातर लोगों को अस्पताल की ओर से जांच के लिए न तो कोई काल आया और न ही कोई मैसेज। बुजुर्ग न बताया कि एक-दो लोगों को काल करके सिर्फ यह बताया गया कि आप कोरोना पाजिटिव मरीज के संपर्क में आए हैं, अपनी जांच करवा लें। बुजुर्ग ने बताया कि संक्रमण रोकने के लिए प्रशासन को कांटैक्ट ट्रेसिंग पर अधिक ध्यान देना चाहिए।


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