Farmers Protest : मंच व टेंटों के जरिये सड़क घेरे हैं प्रदर्शनकारी, हर दिन घट रही संख्या
यूपी गेट पर किसानों का आंदोलन जारी है। गणतंत्र दिवस के पूर्व धरने में प्रदर्शनकारियों की तादाद इतनी रहती थी कि उन्हें बैठने के बदले खड़े रहकर ही वक्ताओं के भाषण को सुनना पड़ता था। अब इनकी संख्या लगातार घटती जा रही है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की तरफ सिंघु बार्डर पर चल रहे धरने में गिने -चुने प्रदर्शनकारी ही नजर आ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। सोमवार को धरने में एक सौ से भी कम लोग दिखाई दे रहे थे, वहीं सिलसिला बुधवार को भी जारी है। गणतंत्र दिवस के पूर्व धरने में प्रदर्शनकारियों की तादाद इतनी रहती थी कि उन्हें बैठने के बदले खड़े रहकर ही वक्ताओं के भाषण को सुनना पड़ता था। अब जिस तरह से उनकी संख्या में निरंतर गिरावट आ रही है, उससे यही कहा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी आंदोलन के नाम पर अब केवल मंच व टेंटो के जरिये सड़क को घेरे हुए हैं। अब पहले की तरह किसान मजूदर संघर्ष कमेटी पंजाब के मंच पर न तो गहमागहमी दिखाई देती हैं और ना ही लंगर में कोई भीड़ ही नजर आती है।
सिंघु बार्डर पर जलेबी के लंगर में इक्के दुक्के लोग ही पत्तल पर खाते दिखे। पहले की तरह न तो अब धरने में महिलाएं नजर आती हैं और न ही ऐसे लोग भी दिख रहे हैं, जो परिवार के सदस्यों के साथ प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने पहुंचते थे। मौजूदा हालात को देखकर यही लग रहा है कि किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का धरना अब महज औपचारिकता बन कर रह गया है। बावजूद इसके नेतृत्वकर्ता अपनी जिद पर अड़े हुए हैं और सड़क पर कब्जा जमाकर आवागमन को बाधित करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसका खामियाजा आसपास के गांवों के ग्रामीणों के साथ उन लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है, जिन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में रोजाना कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। सिंघु बार्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे धरने में प्रदर्शकारियों की संख्या लगातार घट रही है।