शारीरिक संबंध बनाने की मांग करना मानसिक प्रताड़ना, कोर्ट ने आरोपी को सुनाई सजा
कोर्ट ने कहा कि किसी लड़की का सतीत्व उसका व्यक्तित्व होता है और किसी को उसमें दखल करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
नई दिल्ली, जेएनएन। किशोरी से शारीरिक संबंध बनाने की मांग करना उसको मानसिक प्रताड़ित करने जैसा है और इसका असर उसकी जिंदगी में हमेशा रहेगा। उक्त टिप्पणी करते हुए दिल्ली की एक निचली अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सीमा मैनी ने 11 वर्षीय नाबालिग से शारीरिक संबंध बनाने की मांग करने के दोषी 24 वर्षीय युवक सतीश को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने कहा कि किसी लड़की का सतीत्व उसका व्यक्तित्व होता है और किसी को उसमें दखल करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
पुलिस के अनुसार, वर्ष 2013 में दोषी सतीश एक मकान में लिफ्ट लगा रहा था। वहीं पास में किशोरी अपने परिवारवालों के साथ रहती थी। एक दिन किशोरी घर में थी तो दोषी ने उसे रुपये का लालच देकर लिफ्ट में आने को कहा। सतीश ने उसके साथ बदतमीजी की तो किशोरी ने शोर मचाया। किशोरी की आवाज सुनकर नीचे सीढ़ियों पर खड़े के उसके पिता वहां पहुंच गए और युवक को पकड़ लिया।
किशोरी ने पिता को पूरी जानकारी दी तो उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने सतीश को गिरफ्तार कर लिया। उधर, सतीश ने कहा कि उसे झूठे आरोपों में फंसाया गया है। हालांकि, अदालत ने उसके बयान को नजरअंदाज करते हुए कहा कि किशोरी की निजता का हनन करने का किसी को अधिकार नहीं है।