Delhi: बेटा नहीं हुआ तो शादी के 23 साल बाद पति ने दिया तीन तलाक
सुखदेव विहार निवासी महिला ने 13 जुलाई को न्यू फ्रेंड्स कालोनी थाने में शिकायत दी थी लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया। इसे बाद महिला अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में भी याचिका खारिज कर दी गई। इस पर अब पीड़िता ने सत्र न्यायालय में अपील की है।
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। दो साल पहले तीन तलाक को लेकर सख्त कानून आने के बावजूद महिलाओं पर तलाक की तलवार लटकी हुई है। देश की राजधानी में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है। चिंताजनक बात यह है कि इस मामले में शादी के 23 साल बाद पति ने सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि पत्नी को कोई बेटा नहीं हुआ। महिला के 18 और 20 साल की दो बेटियां हैं, जबकि तीन बार गर्भ में बेटी आने पर पति ने गर्भपात करा दिया। महिला अब पति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए अदालत की चौखट पर पहुंच गई है। सुखदेव विहार निवासी महिला ने 13 जुलाई को न्यू फ्रेंड्स कालोनी थाने में शिकायत दी थी, लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया। इसे बाद महिला अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में भी याचिका खारिज कर दी गई। इस पर अब पीड़िता ने सत्र न्यायालय में अपील की है। आरोपित एक बड़े संस्थान में चेयरमैन है। पीड़िता का आरोप है कि शादी के बाद से ही पति व सास दहेज में दिल्ली में एक प्लाट देने की मांग करने लगे थे।
इसी बीच वर्ष- 1998 और 1999 में गर्भधारण किया, लेकिन पति ने भ्रूण जांच कराई और गर्भ में बेटी होने पर दोनों बार गर्भपात करवा दिया। 2000 में फिर भ्रूण जांच में लड़की का पता चला। इस पर पति ने पीटकर घर से निकाल दिया। इसके बाद मायके में पीड़ित ने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद एक बार और पति ने भ्रूण जांच के बाद गर्भपात करवाया। इसके बाद 2002 में पीड़िता ने एक और बेटी को जन्म दिया। वर्ष- 2004 में पति की पिटाई से पीड़ित की पेल्विस बोन टूट गई, जिससे वह करीब छह माह बिस्तर पर ही रहीं।
शिकायत वापस लेने के लिए दी जा रही धमकी
पति व सास यह कहकर ताने मारते थे कि एक बेटा तक न दे सकी। हमारा वंश कैसे चलेगा। पति दूसरी शादी के लिए लड़कियां देखने लगा। दबाव में लेने के लिए आरोपित अपने दोस्त के साथ घर में शराब पीने लगा और उसका दोस्त बेटियों से अश्लील हरकतें करता था। विरोध करने पर वह बेटियों को भी पीटता था।
पिछले साल 8 जून 2020 को आरोपित ने तीनों की जमकर पिटाई की। इसके बाद तीन बार तलाक बोला और कहा कि आज से वह पीड़िता से संबंध खत्म करता है। इसके बाद वह बड़ी बेटी को जबरदस्ती अपने साथ कालकाजी स्थित एक होटल में ले गया और वहां करीब एक सप्ताह रखा। एक दिन उसे चकमा देकर बड़ी बेटी वहां से भाग निकली। इसके बाद उसने फोन कर मां-बेटी को गाली दी और धमकी दी। उसके बाद से पति घर नहीं लौटा। 13 जुलाई 20 को पीड़ित ने एनएफसी थाने में पति के खिलाफ तीन तलाक देने की शिकायत दी थी। उसने 26 सितंबर को अपने भांजे को पीड़ित के घर भेजा। उसने धमकी दी कि शिकायत वापस नहीं ली तो बेटियों के चेहरे पर तेजाब डाल देगा।
विशाल चोपड़ा (एडवोकेट, दिल्ली हाई कोर्ट) का कहना है कि ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दिशानिर्देश दिए हैं कि संज्ञेय अपराध के मामले में पुलिस को अविलंब एफआइआर दर्ज करनी चाहिए। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून- 19 के तहततीन तलाक संज्ञेय अपराध है। पीड़ित महिला ने शिकायत की है तो पुलिस को एफआइआर दर्ज करनी चाहिए थी।
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