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वीकेंड कर्फ्यू समेत कई प्रतिबंधों से दिल्ली के कारोबारी परेशान, उठाए ये कदम तो लाखों लोग होंगे परेशान

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलावा भी भारत सरकार कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बड़े प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है क्योंकि आम आदमी का रोजगार प्रभावित हो रहा है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलावा भी भारत सरकार कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बड़े प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है।

By Nimish HemantEdited By: Prateek KumarPublished: Sat, 22 Jan 2022 03:30 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 07:43 PM (IST)
वीकेंड कर्फ्यू समेत कई प्रतिबंधों से दिल्ली के कारोबारी परेशान, उठाए ये कदम तो लाखों लोग होंगे परेशान
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। बेशक लाकडाउन, कर्फ्यू समते तमाम पाबंदियों से लोगों के साथ- साथ सरकार का भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलावा भी भारत सरकार कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बड़े प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे सीधे -सीधे आम आदमी का रोजगार प्रभावित हो रहा है। दिल्ली में तकरीबन एक माह से कोरोना के चलते लगाए गए नाइट कर्फ्यू, वीकेंड कर्फ्यू समेत अन्य प्रतिबंधों के खिलाफ व्यापारी मुखर होने लगे हैं। कोराबारी अब प्रदर्शन की चेतावनी भी दे रहे हैं। इससे लोगों को परेशानी और बढ़ हो सकती है। 

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96 प्रतिशत कारोबारी दुकान खोलने के पक्ष में

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना प्रतिबंधों को ऐसे समय में जारी रखना जब संक्रमण दर प्रतिदिन कम हो रही है, यह दिल्ली के व्यापारियों को रास नहीं आ रहा है। दिल्ली के 96 प्रतिशत व्यापारियों ने एक स्वर में इन प्रतिबंधों को हटाने की पैरोकारी की है और इसे लेकर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार में खिंचतान पर निराशा जताई है। यह बातें कारोबारी संगठन कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के एक आनलाइन सर्वे में सामने आई है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ऐसे समय में जब दिल्ली में संक्रमण दर 18 प्रतिशत से भी नीचे आ गई है, अस्पतालों में गंभीर मामलों में बेहद कमी है। संक्रमण के पिछले चरण के मुकाबले मौजूदा स्थिति में अस्पतालों में बेड भी ज्यादा नहीं भरे हैं। तब कोरोना प्रतिबंधों में रियायत देना आवश्यक है जिससे दिल्ली का व्यापार और आर्थिक चक्र भी चलता रहे। खंडेलवाल ने कहा कि इस संबंध में कैट ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र भेजकर दिल्ली में कोविड प्रतिबंधों में रियायत देने की मांग भी की है।

कैट ने बताया दिल्ली में आड इवेन व्यवस्था हुई फेल

कैट ने उपराज्यपाल को भेजे पत्र में सुझाव दिया है सम-विषम (इवेन-आड) व्यवस्था दिल्ली में न केवल फेल साबित हुई है बल्कि इससे उपभोक्ताओं को परेशानी हुई है। जबकि दिल्ली के व्यापार का बेडा गर्क करने में भी इसने कोई कसर बाकी नहीं रखी गई है। इस दृष्टि से इसे तथा वीकली कर्फ्यू को समाप्त कर कोरोना नियमों के कड़ाई से पालन पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।

इन सुझाव पर सरकार से की गौर करने की मांग 

कैट ने सुझाव दिया है कि बाजारों के कार्य का समय सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे कर दिया जाए वहीं होटल एवं रेस्त्रां को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी जाए जिस प्रकार निजी कार्यालयों को दी गई है। दिल्ली में शादियों की जरूरतों को महसूस करते हुए 20 व्यक्तियों के स्थान पर कम से कम 100 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति दी जाए। शादियों में दोनों पक्षों के मिलकर 100 व्यक्ति तो परिवार के सदस्य व करीबी रिश्तेदार ही हो जाते हैं।

कोरोना के नियमों का कड़ाई से हो पालन

कैट ने यह भी बताया कि सर्वे में लगभग 96 प्रतिशत व्यापारियों ने पूरे सप्ताह बाजार खोलने का आग्रह किया है वहीं 97 प्रतिशत व्यापारियों ने कोरोना सुरक्षा नियमों के कड़ाई से पालन पर जोर दिया है। इसी तरह 86 प्रतिशत व्यापारी मानते हैं कि पिछले 20 दिनों में कोविड के चलते उनका व्यापार 60 प्रतिशत से अधिक कम हुआ है। जबकि 88 प्रतिशत लोगों ने शादियों में 100 व्यक्तियों के शामिल होने के विषय पर सहमति व्यक्त की है। वहीं 72 प्रतिशत ने मामले के राजनीतिककरण पर नाराजगी जताई है।

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