Move to Jagran APP

दिल्ली के निजी बस आपरेटर भी इलेट्रिक में अपने वाहन बदलने के लिए तैयार

Delhi E Vehicle News एसटीए आपरेटर्स एकता मंच ने दिल्ली सरकार द्वारा चलाई गई इलेक्ट्रिक बस की के कार्य की सराहना करते हुए अपनी निजी बसों को भी इलेक्ट्रिक फ्यूल में चलाने की इच्छा जाहिर की है।

By V K ShuklaEdited By: JP YadavPublished: Wed, 19 Jan 2022 12:34 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 12:34 PM (IST)
दिल्ली के निजी बस आपरेटर भी इलेट्रिक में अपने वाहन बदलने के लिए तैयार
दिल्ली के निजी बस आपरेटर भी इलेट्रिक में अपने वाहन बदलने के लिए तैयार

नई दिल्ली। राजधानी में वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की घोषणा करने पर निजी बस आपरेटर भी सरकार के इस अभियान में अपना योगदान देने के लिए तैयार हैं। निजी बस आपरेटर भी इलेट्रिक में अपनी बसें बदलने को तैयार हैं। इसी संदर्भ में एसटीए आपरेटर्स एकता मंच ने दिल्ली सरकार द्वारा चलाई गई इलेक्ट्रिक बस की के कार्य की सराहना करते हुए अपनी निजी बसों को भी इलेक्ट्रिक फ्यूल में चलाने की इच्छा जाहिर की है।

loksabha election banner

मंच के महासचिव श्याम लाल गोला ने कहा है कि हम सभी निजी वाहन मालिक दिल्ली के प्रदूषण को कम करने में सरकार के साथ हमेशा रहे है और आगे भी साथ रहेंगे। वर्ष 2001 में सबसे ज्यादा सीनजी बसें दिल्ली में निजी बस मालिकों ने ही चलाई थीं। उन्होंने कहा कि हम सरकार से इलेक्ट्रिक बसों को जल्द से जल्द लाने के लिए कई बार सरकार व विभाग को पत्र भी लिख चुके हैं।अगर सरकार हमें सहयोग करे तो हम भी अपनी सभी निजी बसों को इलेक्ट्रिक फ्यूल में लाने को तैयार हैं। 

गौरतलब है कि दिल्ली में पुराने वाहनों की रेट्रो फिटमेंट से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में बदलने की कवायद जारी है। दिल्ली सरकार की ओर से पैनल की घोषणा के बाद दो पहिया, तिपहिया वाहनों समेत कारों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लिए वाहन मालिकों का रुझान बढ़ने लगा है। यही वजह है कि निजी बस आपरेटर भी इलेट्रिक में अपनी बसें बदलने को तैयार हैं।

वेलेव मोटर्स के निदेशक शक्तिवेल के मुताबिक, एक आटो को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लिए करीब 2.50 लाख रुपये की लागत आएगी। पुराने वाहनों की रेट्रो फिटमेंट के बाद आगे भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे वाहनों को नया जीवन मिलेगा और प्रदूषण का खतरा भी नहीं रहेगा। वाहनों को चार्जिंग के बाद 100-120 किलोमीटर तक चलाया जा सकेगा। बताया जा रहा है कि इससे जहां प्रदूषण कम होगा वहीं कुछ सालों के बाद वाहनों की लागत भी निकल आएगी, जो सामान्य वाहन को इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील करने में लगेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.