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देशद्रोह के आरोप में घिरी JNU की पूर्व छात्रा शेहला रशीद को दिल्ली की कोर्ट से बड़ी राहत

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा शेहला रशीद (Shehla Rashid) के खिलाफ देशद्रोह का केस पिछले सप्ताह तीन सितंबर को दर्ज किया गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 09:55 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 11:01 AM (IST)
देशद्रोह के आरोप में घिरी JNU की पूर्व छात्रा शेहला रशीद को दिल्ली की कोर्ट से बड़ी राहत
देशद्रोह के आरोप में घिरी JNU की पूर्व छात्रा शेहला रशीद को दिल्ली की कोर्ट से बड़ी राहत

नई दिल्ली, एएनआइ। सेना के खिलाफ भ्रम फैलाने के आरोप में घिरी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawahar lal Nehru University) की पूर्व छात्रा शेहला रशीद (Shehla Rashid) को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान अंतरिम राहत दी है। ऐसे में अब अगली सुनवाई तक शहला की गिरफ्तारी नहीं होगी।

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यहां पर बता दें कि शेहला के खिलाफ देशद्रोह का केस पिछले सप्ताह तीन सितंबर को दर्ज किया गया है।  दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आईपीसी (IPC) की धारा 124A, 153A, 153, 504 और 505 के तहत मामला दर्ज किया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव (Alakh Alok Srivastav) की शिकायत पर ये मुकदमा दर्ज किया गया है।

शेहला रशीद पर आरोप है कि 18 अगस्त को उन्होंने जम्मू-कश्मीर और सेना को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किये थे। शेहला ने भारतीय सेना पर कश्मीर के लोगों के साथ अत्याचार करने का आरोप लगाया था। सेना ने शेहला के आरोपों का खंडन करते हुए इसे झूठ करार दिया था।

सेना के खिलाफ झूठी खबरें फैलाने का आरोप

आरोप है कि शेहला के इस ट्वीट को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भारत और सेना के खिलाफ खबर चली। ऐसे में देश और सेना की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है। शिकायत में कहा गया है कि शेहला रशीद ने हिंसा भड़काने के इरादे से जानबूझकर देश के खिलाफ खबरें फैलाई। आरोप है कि शेहला ने ट्वीट से कश्मीर में अशांति पैदा करने की कोशिश की। अलख आलोक श्रीवास्तव ने पुलिस से मांग की थी कि शेहला ने भारतीय सेना और सरकार के खिलाफ झूठी खबरें फैलाई, इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज करके गिरफ्तार करना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने आरोपों का किया था खंडन

शेहला रसीद की ट्वीट के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने भी बयान जारी कर आरोपों का खंडन किया था। जम्मू-कश्मीर की सूचना जनसंपर्क विभाग की निदेशक सईद सेहरिश असगर ने स्पष्ट किया था कि घाटी में कानून व्यवस्था से संबंधित कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।

शेहला ने किया था ये ट्वीट

18 अगस्त को शेहला रशीद ने कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर 10 ट्वीट किए थे। इन ट्वीट्स में दावा किया गया था कि वहां हालात बेहद खराब है। शेहला रशीद इन दावों को आधार बनाते हुए अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सेना और सरकार के खिलाफ खबरें चली थीं।

शेहला की गिरफ्तारी की मांग

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने शेहला रशीद के खिलाफ आपराधिक शिकायत कराई थी। कथित तौर पर भारतीय सेना और भारत सरकार के खिलाफ फर्जी खबर फैलाने के आरोप में उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई है।

पहले भी देती रहीं है विवादित बयान

इससे पहले भी शेहला राशिद पर विवादित बयान देने के आरोप लगते रहे हैं। फरवरी 2019 में उन्होंने देहरादून में कश्मीरी छात्रों को बंधक बनाने को लेकर उन्होंने कथित तौर पर झूठी टिप्पणी की थी। इस बयान के बाद देहरादून पुलिस ने शेहला के खिलाफ सांप्रदायिक सौहार्द फैलाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया था।

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