Farmer Protest: 40 गांव के लोगों ने आंदोनकारियों को सिंघु बार्डर खाली करने का दिया अल्टीमेटम
गणतंत्र दिवस की घटना के बाद 40 गांव के लोगों गुस्से में हैं। लोग बिना किसी गलती के मुसीबतों का सामना कर रहे हैं। लेकिन अब उनका धैर्य जबाव देने लगा है। यही कारण है कि अब ग्रामीण सिंघु बार्डर को खाली कराने को लेकर संकल्पित हो चुके हैं।
नई दिल्ली [संजय सलिल]। नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय धरोहर लाल किले में किए गए तिरंग के अपमान व उपद्रव को लेकर सिंघु बार्डर के आसपास के गांवों के लोगों में बेहद गुस्सा देखा जा रहा है। सिंघु बार्डर पर दो माह से रास्ता रोके आंदोलनकारियों के प्रति ग्रामीणों में उबाल देखा जा रहा है। ऐसे में गुरुवार को करीब चालीस गांवों के लोगों ने उन्हें सिंघु बार्डर खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है। इस बावत ग्रामीण शुक्रवार को अलीपुर स्थित शिव मंदिर में बैठक कर अपनी रणनीति तय करेंगे और लोगों को एकजुट कर धरना दे रहे लोगों से हर हाल में रास्ता खाली कराने की रूप रेखा तय करेंगे।
गुरुवार को सिंघु, अलीपुर, नरेला, हमीदपुर, बख्तावरपुर, पल्ला, बादली के अलावा कुंडली इलाके के लोगों ने हाथों में तिरंगा लेकर सिंघु बार्डर पर पहुंच कर लालकिले में हुई देश को शर्मशार करने वाली घटना को लेकर रोष व्यक्त किया और उन्होंने आंदोलनकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उन्हें सिंघु बार्डर खाली करने को कहा। आक्रोशित ग्रामीण सिंघु बार्डर पर लगे किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के मंच के निकट पहुंच गए और घंटों नारेबाजी करते रहे।
ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल ने धरना पर बैठे किसान नेताओं को बातचीत करने के लिए बुलाया ताकि उन्हें वे अपना संदेश सीधे दे सकें। लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए किसान नेता बातचीत करने का साहस नहीं जुटा सके। ऐसे में उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करने से मना कर दिया। जिससे नाराज होकर ग्रामीणों ने नारेबाजी शुरु कर दी। इसके बाद धरना पर बैठे लोगों ने भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जिससे कुछ देर के लिए मौके पर तनाव का माहौल बन गया।
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